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नकली नोट छापने वाले मदरसे में छात्रों को किया जाता था गुमराह, आपत्तिजनक किताबें और ये मिला

अतरसुइया के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में नकली नोट छपाई के साथ यहां पढ़ने वाले छात्रों को गुमराह भी किया जाता था। जांच के दौरान पुलिस को एक ऐसी किताब मिली है, जिससे छात्रों को एक विशेष संगठन के खिलाफ भड़काने के संकेत मिले हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 4 Sep 2024 07:02 AM
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अतरसुइया के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में नकली नोट छपाई का भंडाफोड़ होने के बाद अब एक नया खुलासा हुआ है। यहां पढ़ने वाले छात्रों को गुमराह भी किया जाता था। जांच के दौरान पुलिस को एक ऐसी किताब मिली है, जिससे छात्रों को एक विशेष संगठन के खिलाफ भड़काने के संकेत मिले हैं। पुलिस को प्रधानाचार्य व मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे से आरएसएस पर लिखीं आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिली हैं। इसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मदरसा के प्रिंसिपल मो.तफसीरुल के कमरे की जांच में किताबे, पर्चे आदि मिले। कमरे से आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन नामक किताब भी मिली है। इस किताब के लेखक एसएम मुशरिफ महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व आईजी हैं। इस किताब के मिलने के बाद खुफिया एजेंसियों ने यहां पढ़ने वाले बच्चों से पूछताछ की। पूछताछ इस बात को लेकर हुई कि कहीं मौलवी मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों का ब्रेनवाश तो नहीं कर रहा था। बच्चों को संगठन विशेष के खिलाफ भड़काया तो नहीं जा रहा था।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मदरसे के बच्चों से एक-एक बिंदु पर गहराई से बातचीत की। साथ ही मदरसे में रह रहे लोगों की पूरी जानकारी जुटाकर ले गई है। उन्हें क्या पढ़ाया जाता था। उर्दू में लिखी किताब का पुलिस ने हिंदी में अनुवाद भी करवाया है। ताकि पता चल सके कि किताब में क्या-क्या लिखा है। बताया जाता है कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन नामक किताब में मुम्बई में हुए 26/11 के हमले को हिन्दू अटैक बताया गया है । पाकिस्तान के डॉन अखबार ने किताब की तारीफ में लेख लिखा था, कि इंडिया का एक आईजी खुद कह रहा है कि ये हमला पाकिस्तान ने नहीं किया था। इसके अलावा देश में हुए कई अन्य धमाकों का भी जिक्र है।

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रजिस्ट्री-स्पीड पोस्ट की कई पर्चियां मिली
मौलवी के कमरे की छानबीन में स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री की कई पर्चियां भी बरामद हुई हैं। अब पुलिस और एजेंसियां यह जांच कर रही है। रजिस्ट्री और स्पीड किसके नाम पर और कहां भेजे गए हैं। साथ ही मौलवी ने रजिस्ट्री के माध्यम से क्या भेजा है। यह गहराई से पता लगाया जा रहा है।

पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए दी अर्जी
अतरसुइया में मदरसे में नकली नोट छापने में जेल भेजे गए चारों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी दी गई है। पुलिस आरोपियों को पीसीआर पर लेकर अब तक की जांच में आए तथ्यों के बारे में पूछताछ करना चाहती है। साथ ही मौलवी तफसीरूल से यह पता लगाना चाहती है कि वह अपने कमरे में आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन जैसी किताबे क्यों रखे था। कहीं वह छात्रों का ब्रेनवाश तो नहीं करता था। उसका उद्देश्य क्या था। मदरसा संचालित करने के लिए कहां-कहां से फंड मिलता था। उसके अलावा इस काम में और कौन लोग शामिल हैं। इन सब रहस्यों से पर्दा मौलवी से पूछताछ के बाद ही उठेगा। ऐसे में मामले के विवेचक ने मौलवी समेत चारों आरोपियों को पीसीआर पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है।

देश की अखंडता में आरएसएस का अहम रोल: डॉ इफ्तिखार
मदरसा में नकली नोट छापने के मामले और मदरसे में बच्चों का ब्रेनवॉश के मामले में यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ.इफ्तिखार अहमद जावेद का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि देश की एकता अखंडता में आरएसएस का अहम रोल है। मौलवी तफसीरूल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। गिरफ्तार मौलवी पर हैं संगीन आरोप हैं।

नकली स्टांप घोटाले का पर्दाफाश कर चर्चा में आए थे एसएम मुशरिफ
महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एसएम मुशरिफ 1975 पुलिस उपाधीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। 1981 में वह आईपीएस बने। उन्होंने चर्चित अब्दुल करीम तेलगी नकली स्टांप घोटाले का पर्दाफाश में अहम भूमिका निभाई थी। उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रपति, डीजीपी समेत अन्य कई पदक मिले हैं। उन्होंने 2005 में वीआरएस ले लिया था और वर्तमान में वह सूचना के अधिकार अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करवाने के लिए सक्रिय हैं। आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन, करकरे के हत्यारे कौन? भारत में आतंकवाद का असली चेहरा, 26/11 की जांच - न्यायपालिका भी क्यों नाकाम रही? , ब्राह्मणवादियों के धमाके, मुसलमानों को फांसी, जैसी कई किताबेंलिखचुकेहैं।

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