कॉमन सर्विस सेंटर तैयार करेंगे मत्स्य व्यापार का डेटा बेस, हर किसी को मिलेगा लाभ
कॉमन सर्विस सेंटर मत्स्य व्यापार का डेटा बेस तैयार करेंगे। इससे हर किसी को लाभ मिलेगा। मत्स्य व्यापार से जुड़े हर वर्ग को सरकारी लाभ देने के लिए ये तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के तहत केंद्र सरकार लाभ देगी।
मत्स्य व्यापार से जुड़े हर वर्ग को सरकारी लाभ देने के लिए एक डेटा बेस तैयार किया जाएगा। यह डेटा बेस केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी मंत्रालय तैयार करा रहा है। केंद्रीय मंत्रालय ने डेटा बेस तैयार करने की जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर को सौंपी है। देशभर से डेटा मिलने के बाद केंद्रीय मंत्रालय इसे नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करेगा। इसके बाद आवश्यकतानुसार मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को केंद्र सरकार की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार ने मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों की मदद के लिए दो साल पहले मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत ही मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ देने की तैयारी है।
अनुमानित आंकड़े के मुताबिक देश में दो करोड़ 80 लाख लोग मत्स्य क्षेत्र के अलग-अलग-अलग कामों में लगे हैं। किस क्षेत्र में कौन क्या-क्या काम कर रहा है, इसका सही आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी मंत्रालय अलग-अलग कारोबार करने वालों का आंकड़ा लेने का काम कॉमन सर्विस सेंटर को सौंपा है। सीएससी सभी वर्ग का पंजीकरण करेगा।
इस क्षेत्र के लोगों से जुड़ने के लिए केंद्रीय मंत्रालय ऐप भी शुरू करने की तैयारी में है। कॉमन सर्विस सेंटर प्रयागराज के प्रबंधक आशीष मिश्रा ने बताया कि मत्स्य के क्षेत्र में खासकर मछुवारे, मछली पालन, प्रोसेसिंग और सीधे बिक्री करने वालों की ही जानकारी है। इस क्षेत्र में और भी काम हो रहे होंगे। डेटा बेस सभी का तैयार किया जाएगा। इसके लिए जल्द एक बैठक होगी। कॉमन सर्विस सेंटर के प्रतिनिधि सर्वे भी करेंगे।