नहलाते हुए बच्ची को छोड़कर खुली भैंस के पीछे भागी मां, वापस लौटी तो मरी मिली डेढ़ साल की मासूम
कौशांबी के सैनी थाना क्षेत्र के गरई गांव में गुरुवार की शाम पानी से भरे टब में डूबकर डेढ़ साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
कौशांबी के सैनी थाना क्षेत्र के गरई गांव में गुरुवार की शाम पानी से भरे टब में डूबकर डेढ़ साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। गरई गांव के जय सिंह कोल्ड स्टोर में मुंशी हैं। उनकी डेढ़ साल की बेटी गौरी को गुरुवार शाम चार बजे पत्नी लालती देवी स्नान करा रही थी। तभी बाहर बंधी भैंस छूट गई। लालती बेटी को टब में ही छोड़कर भैंस पकड़ने चली गई। लौटीं तो बच्ची अचेत हाल में मिली। परिजन उसे सिराथू के निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
शुक्रवार की सुबह बच्ची के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़ित दंपती को अब सिर्फ एक तीन साल की बेटी पल्लवी भर बची है। सैनी इंस्पेक्टर जयचंद्र शर्मा ने कहा कि उन्हें किसी घटना की जानकारी नहीं है। बढ़ती लापरवाही को देखते हुए कहा जा रहा है कि घरेलू काम में आने वाला टब सावधानी की कमी के चलते मासूमों के लिए जानलेवा बन गया है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अब तक पानी भरे टब अथवा बाल्टी में डूबकर पांच मासूमों की जान जा चुकी है। हालिया घटना सैनी थाना क्षेत्र के गरई गांव की है। जहां गुरुवार की शाम चार बजे पानी से भरे टब में डूबकर डेढ़ साल की गौरी की मौत हो गई।
ये सभी घटनाएं काफी दुखद हैं। इन घटनाओं पर गौर करें तो सभी में लापरवाही ही कारण बनी है। इस बारे में आमजन से बात की गई तो उनका स्पष्ट कहना है कि बच्चों को नहलाते समय उनके पास रहें। उन्हें टब अथवा बाल्टी या टंकी के पास अकेला नहीं छोड़े। कोई दूसरा काम भी तत्काल आ जाए तो भी बच्चे को सुरक्षित करके ही जाएं। क्योंकि कोई भी काम आपके बच्चे से ज्यादा जरूरी नहीं हो सकता। ऐसे में छोटी सी भी लापरवाही हादसे का सबब बन सकती है। अब तक की घटनाएं तो यही बयां कर रही हैं।