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शेयर और क्रिप्टो के नाम पर करोड़ों ठग रहा था आठवीं फेल, यूपी पुलिस ने भोपाल से किया गिरफ्तार

शेयर और क्रिप्टो के नाम करोड़ों ठगने वाला आठवीं फेल शातिर गिरफ्तार कर लिया गया। कानपुर कैंट निवासी सैन्य अफसर से 1.78 करोड़ की ठगी की थी। कानपुर साइबर सेल की टीम ने भोपाल में छापेमारी कर दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों में तीन बैंक कर्मी भी शामिल हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 16 Oct 2024 06:41 AM
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शेयर मार्केट और क्रिप्टो करंसी में निवेश कर भारी मुनाफे का लालच देकर देशभर में ठगी करने वाले चार अंतर्राष्ट्रीय ठगों को यूपी पुलिस की साइबर सेल की टीम ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए गिरोह का सरगना आठवीं फेल है। भारत में ठगी का कारोबारी यही चलाता है। गैंग का पूरी तरह से संचालन चीन, दुबई और आर्मेनिया से होता है। शातिरों ने जून में कानपुर के कैंट निवासी सेना के अफसर विनोद कुमार के साथ 1.78 करोड़ की ठगी की थी, जिसके बाद आरोपियों के साथी चंद्रशेखर भुजाड़े को साइबर सेल की टीम ने एक महीने पहले गिरफ्तार किया था। साइबर सेल के इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि जांच में चारों की सटीक लोकेशन मिलने पर टीम ने भोपाल में छापेमारी की और गिरफ्तार कर बी वारंट पर ट्रांजिट रिमांड के जरिए यहां लाया गया। सभी को जेल भेजा गया है। गैंग के एक दर्जन गुर्गों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

इंटरनेट, यूट्यूब और दोस्तों से सीखा तरीका
ओबीसी जनकल्याण संघ समिति का जिलाध्यक्ष भोपाल निवासी रोहित सोनी के अलावा 12वीं पास होशंगाबाद निवासी बैंक में लोन रिकवरी एजेंट अक्षय गुरू, बीएससी पास नामचीन बैंक में सेल्स रिप्रेंजेटिव मधुबनी, बिहार निवासी मनीष कुमार मंडल और एमबीए पास बैंक क्लर्क भोपाल निवासी मयंक मीणा को गिरफ्तार किया गया है। मयंक के पिता सब इंस्पेक्टर है। रोहित ने इंटरनेट, यूट्यूब और दोस्तों से साइबर ठगी का तरीका सीखा। फिर उसने तीनों कर्मियों को ठगी का तरीका सिखाया।

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20 राज्यों में कीं 238 वारदातें
ठग भारत में भोपाल और नागपुर से पूरा गिरोह चलाते हैं। यूपी में कानपुर के अलावा आगरा, लखनऊ, चंदौली, नोएडा, आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और पंजाब समेत कई राज्यों में साइबर ठगी की वारदातें कर चुके हैं। इनके खिलाफ अब तक 238 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। 500 से ज्यादा लोगों को अब तक ठगी का शिकार बनाया जा चुका है। मुंबई पुलिस भी बी वारंट के जरिए शातिरों को कानपुर से ले जाने की तैयारी कर रही है।

आठ खातों से 50 करोड़ का लेन-देन
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक पकड़े गए शातिरों के पीएनबी, बंधन बैंक, फेडरल, सेंट्रल बैक, एक्सिस, केनरा बैंक, यस समेत आठ बैंक खातों से एक महीने में 15 करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए हैं। अभी तक इनसे 50 करोड़ का लेन-देन हो चुका है। रोहित सोनी खातों के लिए कमीशन देने का वादा करता था। फिर कई से खाते लेकर उनसे पैसे का लेन-देन करता था। पकड़े गए तीनों बैंक कर्मियों के खाते लेकर सरगना उनका उपयोग लेन-देन के लिए करता था। फिर सभी को कमीशन देता था।

चीन, दुबई व आर्मेनिया से चला रहे गिरोह
डीसीपी क्राइम ने बताया कि चीन, दुबई और आर्मेनिया में बैठकर गिरोह चलाया जा रहा है। पकड़ा गया रोहित सोनी साइबर ठगी से कमाए गए पैसे को टेलीग्राम के जरिए संपर्क करके यूएसडीटी क्रिप्टो करंसी से भेजता था। वहां से अपना व खाताधारकों का कमीशन लेकर सभी को बांटता था। पकड़े गए शातिर गिरोह के लिए भारत में काम कर रहे थे। इनके आका विदेश में बैठे हैं।

लग्जरी कार से लेकर 15 मोबाइल बरामद
आरोपियों के पास से पुलिस ने 15 मोबाइल, लैपटॉप, मैकबुक, स्मार्ट वॉच, पांच सिम कार्ड, एटीएम स्वाइप मशीन, हार्ड डिस्क, राउटर, छह मुहर, पांच पैनकार्ड, चार क्यूआर कोड, एक पासपोर्ट, आयुष्मान कार्ड, 33 चेक बुक, 11 बैंक चेक, फाइनेंशियल फर्मों के प्रपत्र और लग्जरी कार बरामद की है।

ऐसे देते थे अंजाम
सोशल मीडिया से मोबाइल नंबर हासिल करने के बाद शातिर नंबरों को अपने फर्जी ट्रेडिंग व्हाट्सप ग्रुप से जोड़ लेते थे। उस ग्रुप में गिरोह के सदस्य सक्रिय रहते थे जो फर्जी मुनाफे का मैसेज ग्रुप पर पोस्ट किया करते थे। पीड़ित प्रभावित होकर निवेश के लिए ग्रुप पर मैसेज डाल देते थे। शुरुआत में थोड़ा पैसा मुनाफे के नाम पर देते थे। उसके बाद वह प्रभावित होकर निवेश शुरू कर देते हैं। फिर उनको टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया जाता था। भारी मुनाफे का लालच देकर ठगी को अंजाम दिया जाता था।

डीसीपी क्राइम, आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि गिरोह बहुत बड़ा है। इसके सरगना चीन, दुबई और आर्मेनिया से संचालन करते हैं। उनके बारे में भी पता किया जा रहा है। आरोपी और किसके-किसके संपर्क में हैं, इनके बारे में और जानकारियां जुटाई जा रही हैं। बैंक खातों की डिटेल भी निकलवाई जा रही है।

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