आईआईटी बनाएगा स्मार्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन, खराब होने से पहले देगा अलर्ट, कम होगा एनर्जी लॉस
आईआईटी कानपुर स्मार्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाएगा जिनसे एनर्जी लॉस तीन फीसदी रह जाएगा। ये चार्जिंग स्टेशन खराब होने से पहले अलर्ट देगा। जाइनेटिक ईवी चार्जिंग प्रा. लि. संग समझौता किया गया है। नए स्टेशन एक साल में तैयार होंगे।
आईआईटी कानपुर अब स्मार्ट ईवी (इलेक्ट्रिकल व्हीकल) चार्जिंग स्टेशन तैयार करेगा। जिससे सिर्फ तीन फीसदी एनर्जी लॉस होगा। जबकि वर्तमान में सात फीसदी तक एनर्जी लॉस होता है। वहीं, चार्जिंग स्टेशन खराब होने से पहले कंट्रोल रूम को अलार्म करेगा। जिससे समय रहते चार्जिंग स्टेशन की मरम्मत की जा सके। यह स्टेशन पूरी तरह स्वदेशी होगा। एक साल के अंदर यह अत्याधुनिक ईवी चार्जिंग सेंटर तैयार हो जाएगा। यह बात संस्थान के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कही। इसको लेकर गुरुवार को आईआईटी कानपुर ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) से जुड़ी प्रतिष्ठित कंपनी जाइनेटिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग प्रा. लि. के साथ एमओयू किया है।
इलेक्ट्रिकल व्हीकल भविष्य की आवश्यकता हैं। इसको लेकर चार्जिंग स्टेशन बड़ी चुनौती है। इसी को लेकर आईआईटी कानपुर के आरएंडडी के डीन प्रो. तरुण गुप्ता और जाइनेटिक ईवी चार्जिंग के संस्थापक हर्षवर्धन तिवारी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। प्रो. तरुण गुप्ता ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गाड़ियां बढ़ेंगी तो चार्जिंग स्टेशन की जरूरत पड़ेगी। जाइनेटिक कंपनी स्वदेशी चार्जिंग स्टेशन तैयार करती है। हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि अभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चार्जिंग स्टेशन के लिए सबसे बड़ी समस्या इनकी खराबी की आती है।
हाईवे पर लगे इन स्टेशन की खराबी का पता काफी समय बाद चलता है। जिसे दूर करने के लिए आईआईटी के साथ हाथ मिलाया है। प्रो. गुप्ता ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से इन स्टेशन को स्मार्ट बनाया जाएगा। अभी तक स्टेशन की क्षमता 100 किलोवाट पर 93 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 97 फीसदी तक किया जाएगा। इससे एनर्जी लॉस को कम किया जा सकेगा।
विदेशी चार्जिंग स्टेशन से होंगे बेहतर
हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि वर्तमान में अधिकांश चार्जिंग स्टेशन सिस्टम चीन का लग रहा है। देश में अभी तक 60 किलोवाट के ही चार्जिंग स्टेशन हैं। जबकि स्मार्ट चार्जिंग स्टेशन में 60, 90, 120 और 240 किलोवाट के होंगे। स्टेशन पर सामान्यतः दो गन रहती है लेकिन स्मार्ट में छह गन होगी। इससे एक साथ कई गाड़ियों को चार्ज किया जा सकेगा।
कीमत होगी कम
हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि स्वदेशी चार्जिंग स्टेशन सस्ते होंगे। विदेशों से आने वाले चार्जिंग स्टेशन की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। जो घटकर आधी रह जाएगी। 2030 तक बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन की जरूरत होगी।
स्टेशन का बनेगा वर्चुअल मैप
चार्जिंग स्टेशन में एआई और एमएल का प्रयोग करने से खराबी की सटीक जानकारी मिल जाएगी। स्टेशन का वर्चुअल मैप भी तैयार होगा, खराबी की सटीक लोकेशन भेजेगा। खराबी की सही जानकारी मिलने से मरम्मत आसान हो जाएगी।