बच्चे की हत्या केस में परिजनों की मांग- 8वीं क्लास के छात्र का हो पॉलीग्राफ टेस्ट, कहा- वो शरारती, हमें उसपर शक
हाथरस में कृतार्थ हत्याकांड में जेल में निरुद्ध पांच आरोपियों के परिजन अपने गांव के तमाम लोगों के साथ मंगलवार को एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसपी से मांग की है कि स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र का पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट कराये तो पूरा खुलासा हो जायेगा।
हाथरस में कृतार्थ हत्याकांड में जेल में निरुद्ध पांच आरोपियों के परिजन अपने गांव के तमाम लोगों के साथ मंगलवार को एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसपी से मांग की है कि स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र का पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट कराये तो पूरा खुलासा हो जायेगा। परिजनों ने का कि छात्र शरारती है। उस पर हमें शक है। डीएल पब्लिक स्कूल रसगंवा के प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा देवी और बाकी आरोपियों के परिजन और गांव के लोग एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एसपी से मांग की है कि 23 सितम्बर की सुबह लगभग 5.00 बजे उसके पति जो घर पर सो रहे थे उनको फोन आया कि कक्षा 2 में पढ़ने वाले छात्र कृतार्य की तबीयत सही नहीं है। इस पर वे तुरन्त अपनी गाड़ी लेकर स्कूल गये और कृतार्थ को लेकर गांव के एक डॉक्टर को दिखाया।
डॉक्टर ने आगरा ले जाने के लिये कह दिया। इसलिए वह कृतार्थ को आगरा के लिए लेकर चले गये। कृतार्थ के पिता को सूचना दी कि उनका बच्चा गंभीर है। आगरा में कृतार्थ को दो निजी अस्पताल में दिखाया। आगरा से वापस आते समय सादाबाद चौराहा पर मृतक के परिजनों ने दिनेश बघेल के साथ गाड़ी रुकवाकर गाली-गलौज व मारपीट की। अगर सादाबाद पुलिस नहीं होती तो उसके पति की जान जा सकती थी।
मगर कृतार्थ के पिता ने मुकदमा दर्ज करा दिया। उसी दिन पुलिस ने विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मणसिंह, अध्यापक वीरपाल सिंह उर्फ वीरू, अध्यापक रामप्रकाश सोलंकी को गांव रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल से हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस रात ग्यारह बजे उसके पति को सादाबाद से थाना सहपऊ ले आई। 25 सितम्बर को पुलिस ने उसके ससुर जशोधन को हिरासत में ले लिया। इन सभी लोगों को पुलिस ने चार दिन अपनी हिरासत में रखा और बाद में जेल भेज दिया।
तीन अक्टूबर को छात्र से की जा चुकी है पूछताछ
पुष्पा देवी ने कहा है कि उसके पति व अन्य चारों लोगों द्वारा पुलिस को बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा आठ के छात्र पर शक हुआ है, क्योंकि वह बेहद शरारती है। मगर पुलिस ने इस बात को नहीं सुना। पुलिस ने तीन अक्टूबर को उस छात्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। तीन दिन पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया, जबकि घटना के दिन उसके रात को घर पर मौजूद थे। उसके ससुर स्कूल में सीसीटीवी कैमरे में सो रहे थे। मगर थाना पुलिस ने कथित रूप से फर्जी खुलासा किया है। इसलिए सभी लोग चाहते हैं कि जेल में निरुद्ध पांच आरोपियों के साथ-साथ कक्षा आठ के छात्र का पॉलीग्राफ टेस्ट या नार्को टेस्ट कराया जाये।