खराब परफार्मेंस वाले आईएएस अफसरों के विभाग बदलेगी यूपी सरकार, रिपोर्ट हो रही तैयार
- यूपी सरकार खराब परफार्मेंस और शिकायत वाले आईएएस अफसरों के दायित्वों में बदलाव करने जा रही है। उच्च स्तर पर ऐसे अफसरों की रिपोर्ट तलब की गई है। नियुक्त विभाग ऐसे अफसरों की विधिवत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
यूपी सरकार खराब परफार्मेंस और शिकायत वाले आईएएस अफसरों के दायित्वों में बदलाव करने जा रही है। उच्च स्तर पर ऐसे अफसरों की रिपोर्ट तलब की गई है। नियुक्त विभाग ऐसे अफसरों की विधिवत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि इसके आधार पर अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों के दायित्वों में जहां बदलाव किया जाएगा, वहीं प्रदेश के छह से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ चार से पांच मंडलों के मंडलायुक्तों को बदला जा सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही यह बदलाव होगा।
प्रदेश में व्यापक स्तर पर आईएएस अफसरों के तबादले काफी समय से नहीं हुए हैं। कुछ आईएएस अफसरों के पास तो कई-कई विभागों का काम है। बताया जा रहा है कि कुछ आईएएस अफसर अतिरिक्त विभागों में उचित समय नहीं दे पा रहे हैं, इसके चलते निजी सचिवों की मनमानी भी बढ़ने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसीलिए अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के दायित्व में बदलाव का मंथन चल रहा है।
प्रदेश में अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्तर के 54 अधिकारी हैं और इनमें से 15 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात हैं। प्रमुख सचिव स्तर के दो अधिकारी राजेश कुमार सिंह और अनिल कुमार सागर प्रतीक्षारत हैं। इसीलिए शासन में कुछ अधिकारियों के पास कई-कई विभागों का काम है। हाल ही में सात आईएएस बने प्रमुख सचिव व 38 आईएएस अधिकारी सचिव बने हैं।
प्रमुख सचिव के पद पर सौरभ बाबू, मनीष चौहान, रंजन कुमार, अनुराग यादव, रणवीर प्रसाद, अमित गुप्ता और दीपक अग्रवाल को पदोन्नति मिली है। इनमें से दो अफसर अमित सिंह कानपुर और मनीष चौहान आजमगढ़ में मंडलायुक्त हैं। दीपक अग्रवाल केंद्र में तैनात हैं। इसलिए उनके वापस लौटने पर तैनाती होगी, लेकिन छह अफसरों को प्रमुख सचिव पद पर तैनाती दी जाएगी। इससे यह तय है कि कानपुर व आजमगढ़ में नए मंडलायुक्तों को तैनाती देने से चार से पांच मंडलों में बदलावा हो सकता है। लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, मथुरा व कानपुर नगर के डीएम सचिव पद पर पदोन्नति पा चुके हैं। इसीलिए इनको भी हटाकर नई तैनाती हो सकती है। इसीलिए अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव अफसरों के दायित्वों में सबसे अधिक बदलाव की संभावना जताई जा रही है।