UP Board Result: यूपी बोर्ड टॉपर लिस्ट में लगातार दूसरे साल राजधानी लखनऊ से कोई छात्र नहीं
राजधानी लखनऊ से इस बार भी कोई छात्र इंटर या हाईस्कूल की मेरिट लिस्ट में नहीं आ सका है। लगातार दूसरा साल है जब टॉपरों की लिस्ट से लखनऊ के किसी छात्र या छात्रा का नाम गायब है।

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट और हाईस्कूल का रिजल्ट शुक्रवार को जारी कर दिया गया। लगातार दूसरे साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में राजधानी का एक भी छात्र टॉप टेन में जगह नहीं बना पाया। हाईस्कूल की मेरिट लिस्ट में टॉप टेन में 55 छात्र-छात्राएं जगह बना पाए हैं, जबकि लखनऊ का एक भी छात्र जगह नहीं बना पाया। इसी तरह इंटरमीडिएट में टॉप 10 में शामिल 30 छात्रों में से लखनऊ का एक भी छात्र जगह नहीं बना पाया। पिछले साल भी हाईस्कूल की मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में कुल 159 छात्र-छात्राएं थे लेकिन लखनऊ का कोई छात्र जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाया था। इंटरमीडिएट में भी लखनऊ के छात्रों ने निराश किया था। टॉप फाइव में 36 छात्रों ने जगह बनाई थी लेकिन लखनऊ का कोई नहीं था।
इसके विपरीत छोटे शहरों के छात्रों ने यूपी बोर्ड में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए, हाईस्कूल में जालौन के छात्र यश प्रताप सिंह ने 97.83% अंकों के साथ टॉप किया है। इटावा की छात्रा अंशी और बाराबंकी के छात्र अभिषेक यादव ने 97.67% अंकों के साथ दूसरा स्थान साझा किया है। तीसरे स्थान पर तीन छात्र रितु गर्ग, सीतापुर के अर्पित वर्मा और जालौन की सिमरन गुप्ता ने 97.50% अंकों के साथ संयुक्त रूप से स्थान साझा किया। इसी तरह इंटरमीडिएट में प्रयागराज की छात्रा महक जायसवाल ने 97.20% अंकों के साथ परीक्षा में टॉप किया है।
चार छात्रों ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया है। इसमें अमरोहा की साक्षी, सुल्तानपुर के आदर्श यादव, प्रयागराज की शिवानी सिंह और कौशांबी की अनुष्का सिंह ने 96.80% अंकों के साथ दूसरा स्थान और इटावा की छात्रा मोहिनी ने 96.40% अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि जिन छात्रों ने कड़ी मेहनत की है, वे मेरिट सूची में स्थान बनाने में सफल रहे हैं। हमने स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित की है। इसमें कोई पक्षपात नहीं किया गया और मेरिट सूची अत्यंत पारदर्शी तरीके से तैयार की गई।
राजधानी के छात्रों का टॉपर लिस्ट में नहीं होने के सवाल पर यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के सचिव भगवती सिंह ने कहा कि मेरे पास वास्तव में इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है। हो सकता है कि छोटे जिलों के छात्रों ने मेरिट सूची में जगह बनाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की हो। हो सकता है कि अगले साल लखनऊ के छात्र कड़ी मेहनत करें और मेरिट सूची में अपना दबदबा बनाएं। उन्होंने कहा कि छोटे जिलों के स्कूल और उनके छात्र अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे सभी पहले से कहीं ज़्यादा पेशेवर बनने की कोशिश कर रहे हैं। जालौन, अमरोहा के छात्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। हो सकता है कि छोटे जिलों के छात्रों का ध्यान कम भटकता हो।
पास प्रतिशत की बात करें तो हाईस्कूल में लखनऊ के 92.78% छात्र सफल हुए हैं। इस तरह 75 जिलों में लखनऊ 16वें स्थान पर है। पिछले साल की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। जबकि पिछले साल 89.94% पास प्रतिशत के साथ लखनऊ 31वें स्थान पर खिसक गया था। इंटरमीडिएट में लखनऊ ने 81.17% के साथ 48वां स्थान हासिल किया है। पिछले वर्ष 90.49% के साथ तीसरे स्थान पर था। हाईस्कूल में उत्तीर्ण प्रतिशत में शीर्ष 3 जिले आगरा (94.99%), बस्ती (94.67%), मथुरा (94.60%) हैं। इंटरमीडिएट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 3 जिले अमेठी (92.65%), अमरोहा (90.55%) और वाराणसी (89.63%) हैं।