Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP BJP Focus on Booths for Party Membership Program Campaign to begin soon in Uttar Pradesh

पार्टी की सदस्यता में भी भाजपा का बूथों पर ही फोकस, यूपी में जल्द चलेगा अभियान

पार्टी की सदस्यता में भी भाजपा का बूथों पर ही फोकस है। उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ लाख बूथों पर पार्टी ने कार्यशाला आयोजित की। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व महामंत्री संगठन धर्मपाल ने लखनऊ में भागीदारी की।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 1 Sep 2024 07:08 AM
share Share

भारतीय जनता पार्टी दो सितंबर से देश में सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है। वहीं यूपी में तीन सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदस्यता लेकर इसका विधिवत शुभारंभ करेंगे। अभियान को गति देने के लिए पार्टी द्वारा शनिवार को प्रदेश के करीब डेढ़ लाख बूथों पर कार्यशाला आयोजित की। जिले से लेकर प्रदेश स्तरीय नेताओं और जनप्रतिनिधि इनमें शामिल हुए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने लखनऊ के अलग-अलग बूथों की कार्यशाला में भागीदारी कर अधिकाधिक सदस्य बनाने का आह्वान किया।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिले वोटों की संख्या में से 75 फीसदी सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। यह आंकड़ा तकरीबन पौने तीन करोड़ है। भाजपा इसके लिए तैयारियों में जुटी है। मगर इस बार पार्टी के सामने कम समयसीमा में बड़ा लक्ष्य हासिल करने का है। इसके के लिए प्रदेश और जिलों के बाद शनिवार को बूथ स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की गईं। चुनाव की तर्ज पर पार्टी ने सदस्यता अभियान में भी बूथ की मजबूती का ही नारा बुलंद किया है।

ये भी पढ़ें:अखिलेश यादव सपा को राष्‍ट्रीय फलक पर ले जाने की तैयारी में, जानें प्‍लान

संगठन की कसौटी पर कितने खरे उतरेंगे जनप्रतिनिधि
भाजपा ने वार्ड के पार्षद से लेकर विधायक-सांसद तक सबके लिए सदस्यता के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सांसदों से 20 हजार तो विधायकों से 10 हजार नये सदस्य बनाने की अपेक्षा की गई है। जबकि जिला पंचायत अध्यक्षों को 15 हजार, महापौर को 10 हजार, नगर पालिका अध्यक्ष को 5 हजार, नगर पंचायत अध्यक्ष को 2 हजार और नगर निगम के पार्षदों को एक हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है।

इसके अलावा आयोग, निगम, बोर्डों के अध्यक्षों को भी एक-एक हजार सदस्य बनाने हैं। अब देखना यह है कि कितने सांसद-विधायक लक्ष्य पूरा करके पार्टी की कसौटी पर खरे उतर पाते हैं। यही स्थिति प्रदेश पदाधिकारियों को लेकर भी है। उन्हें भी 5-5 सदस्य बनाने हैं। यह बात इसलिए भी दीगर है क्योंकि शनिवार को ही तमाम जनप्रतिनिधि बूथों की कार्यशालाओं मेंनहींपहुंचे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें