बहराइच में तीसरा तेंदुआ पिंजरे में कैद, अब कुत्तों के झुंड ने भी मचाया आतंक
बहराइच के बेझा गांव में पिंजरे में तीसरा तेंदुआ कैद हो गया है। जंंगल से सटे गांवों में तेंदुआ ताबड़तोड़ मवेशियों का शिकार कर रहा था। ग्रामीणों की मांग पर दो तेंदुए कैद होने पर फिर पिंजरा लगाया गया था। वहीं कुत्तों के झुंड ने भी एक हिरन के शावक को नोंच कर घायल कर दिया।
बहराइच में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के ककरहा रेंज से सटे बेझा गांव में मोबाइल टावर के उत्तर दिशा की ओर लगाए गए पिंजरे में एक तेंदुआ कैद हो गया है। इसकी जानकारी होन पर वन महकमे की टीम मौके पर कैम्प कर रही है। पिंजरा ककरहा रेंज कार्यालय लाया गया है। मुर्तिहा कोतवाली के ककरहा रेंज के बेझा गांव में बुधवार रात लगभग 11 बजे शिकार की तलाश में निकला तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। जानकारी मिलते ही वन दरोगा अशोक कुमार श्रीवास्तव, अमरनाथ वर्मा टीम के साथ पहुंच गए। 11 दिनों के भीतर ककरहा रेंज में तीसरा तेंदुआ कैद हुआ है।
29 सितम्बर को बेझा के मजरे मैकूपुरवा में तेंदुए के हमले में मौत का शिकार हुए 40 वर्षीय कंधई यादव की मौत के बाद उसी दिन रात में विशालकाय तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ था। जबकि 2 अक्तूबर की रात बेझा गांव के मजरे पचासा में पिंजरे में दूसरा तेंदुआ कैद हुआ था। एक अक्तूबर की रात सुजौली रेंज के अयोध्यापुरवा में भी एक तेंदुआ पकड़ा गया था। 11 दिनों के भीतर चार तेंदुए पकड़े जा चुके है। तेंदुआ पकड़े जाने की जानकारी रेंजर ने डीएफओ को दी है।
बहराइच: कुत्तों के झुंड ने हिरन के शावक को नोंच कर घायल किया
बहराइच वन प्रभाग के रुपईडीहा रेंज के जंगल के किनारे खेत में हिरन के शावक को कुत्तों का झुंड घेरकर नोच रहा था। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर कुत्तों को खदेड़ कर उसकी जान बचाई। सूचना मिलने पर पहुंची वन महकमे की टीम ने घायल हिरन के शावक को कब्जे में लेकर पशु चिकित्सक से इलाज कराया जा रहा है।
बहराइच वन प्रभाग के रुपईडीहा रेंज में बख्तावर गांव के मजरे हकीम गांव के पास मोगरे व शेख खेत के पास से बुधवार शाम जंगल से निकले हिरन के शावक को कुत्तों का झुंड घेरकर नोचने लगा। उधर से निकल रहे ग्रामीणों की निगाह हिरन के शावक पर पड़ी। ग्रामीणों को कुत्तों को खदेड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। तब हिरन की जान बच सकी। ग्रामीण बच्चे को गांव ले आए ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। वन महकमे की टीम पहुंची। घायल हिरन को लेकर पशु चिकित्सक को बुलाकर इलाज कराया है।