UP AQI Today: मेरठ का AQI पहली बार पहुंचा 700 पार, स्कूल-कोचिंग बंद; जानें अपने शहर का हाल
- मेरठ में पहली बार एक्यूआई 700 पार पहुंच गया। जयभीमनगर में सोमवार को रात नौ बजे AQI 470 रहा। जबकि शाम छह बजे इसी केंद्र पर 722 दर्ज किया गया। इस बीच मेरठ में सभी स्कूलों और कोचिंग सेंटरों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। इस दौरान ऑनलाइन क्लास संचालित होंगी।
UP AQI Today 19 November 2024: बढ़ती ठंड के साथ राजधानी दिल्ली और एनसीआर के साथ यूपी के कई जिलों में हवा के प्रदूषण की स्थिति खराब होती जा रही है। मेरठ में पहली बार एक्यूआई 700 पार पहुंच गया। जयभीमनगर में सोमवार को रात नौ बजे एक्यूआई 470 रहा। जबकि शाम छह बजे इसी केंद्र पर 722 दर्ज किया गया। इस बीच मेरठ में सभी स्कूलों और कोचिंग सेंटरों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। इस दौरान ऑनलाइन क्लास संचालित होंगी। डीएम दीपक मीणा ने ये आदेश जारी किया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है। अलीगढ़ में भी हवा इन दिनों बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है। सोमवार को तो ऑनलाइन मौसम पोर्टल दिन भर डराता रहा और दिन भर में एक्यूआई स्तर 440 तक दर्ज किया गया है। जो अलीगढ़ का अब तक का रिकार्ड एक्यूआई है। बिगड़ी हवाओं की देन है कि सोमवार को अलीगढ़ के जिला अस्पताल और डीडीयू की ओपीडी में तीन सौ से अधिक सांस संबंधी रोगी पहुंचे। प्रदेश के कई अन्य प्रमुख शहरों में हवा का प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है।
बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर में भी 12 वीं तक के स्कूल बंद
मेरठ की तरह बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर में भी 12 वीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। मेरठ उत्तर प्रदेश का पांचवां और देश का 15 वां सबसे प्रदूषित शहर रहा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ओदश दिया कि मेरठ, गाजियाबाद, शामली, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बागपत और गौतमबुद्धनगर के डीएम एक्यूआई पर नज़र रखें।
प्रमुख शहरों में आज सुबह की हवा का हाल
मंगलवार की सुबह नौ बजे गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई -430, लोनी में 499, संजय नगर में 475 और वसुंधरा में 473 पाया गया है। वहीं ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थ्री में एक्यूआई 395, नॉलेज पार्क V में 388 पाया गया है। कानपुर एफटीआई किदवईनगर में एक्यूआई 159, एनएसआई कल्याणपुर में 207, नेहरूनगर में 216 पाया गया है। लखनऊ के बीआर अंबेडकर विवि का एक्यूआई 183, गोमतीनगर का 264, केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र में 311, कुकरैल पिकनिक स्पॉट-1 में 183, लालबाग में 326 और तालकटोरा क्षेत्र में 235 पाया गया है। मेरठ के गंगनगर में 344, जयभीम नगर में 408, पल्लवपुरम में 424 एक्यूआई पाया गया है। मुरादाबाद के ट्रांसपोर्टनगर क्षेत्र में 195 एक्यूआई पाया गया है। नोएडा के सेक्टर 116 में 410, सेक्टर 125 में 389, सेक्टर 62 में 487, सेक्टर 1 में 395 एक्यूआई पाया गया है। प्रयागराज के झूंसी में 111, मोतीलाल नेहरू एनआईटी क्षेत्र में 94 और नगर निगम क्षेत्र में 100 एक्यूआई पाया गया है। वाराणसी के अर्दली बाजार में एक्यूआई 155, भेलूपुर में 119, बीएचयू में 62 और मल्दहिया में 137 एक्यूआई पाया गया है। सुबह नौ बजे बरेली के सिविल लाइंस इलाके में 78 और राजेन्द्रनगर इलाके में 83 एक्यूआई पाया गया है। गोरखपुर के एमएमएमयूटी क्षेत्र में 141 एक्यूआई दर्ज किया गया।
अलीगढ़ में पराली और आतिशबाजी ने बिगाड़े हालात
दीपावली से पहले अलीगढ़ शहर की हवा का स्तर कुछ सुधरा हुआ था। फिर पराली जलाने और आतिशबाजी ने इसका स्तर बिगाड़ा। मगर अब पिछले कई दिन से स्थिति बेहद खराब है और एक्यूआई स्तर गड़बड़ाया हुआ है। इसके पीछे जानकार सिर्फ यही कह रहे हैं कि इन दिनों पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर की ओर से प्रदूषित हवाएं अपने शहर की ओर आ रही हैं। साथ में वायुमंडल में तापमान के चलते पार्टिकल मैटल्स की परत जम जा रही है। इस वजह से सुबह से ही वायुमंडल में धुंध व कोहरा छाया रहा। साथ में धूप भी देरी से खिली और दिन में वायुमंडल में धूप की लुकाछिपी का खेल चलता रहा। शाम को भी समय से पहले ही धूप छिप गई। इसके पीछे की वजह जानकार यही मान रहे हैं कि अब तक एक्यूआई में पीएम-2.5 ही गड़बड़ था। मगर अब पीएम-10 भी बेहद गड़बड़ा गया है। वह भी वायुमंडल में जम जा रहे हैं।आंखों में जलन के साथ साथ सांस व फेंफड़े संबंधी रोगियों को घरों से बाहर अधिक दिक्कत हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों पर बर्फ जमने से अचानक मौसम में परिवर्तन आया है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग सतर्क
बिगड़ती हवाओं को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी सतर्क है। अलीगढ़ में कूड़ा जलाने से लेकर प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को नोटिस दिए गए हैं। साथ में चेतावनी है कि इन दिनों में अगर उनके द्वारा नियम तोड़े गए तो जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें सीमेंट इकाइयों सहित अन्य हवा प्रदूषित करने वाली इकाई हैं। इस विषय में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम का कहना है कि सभी को चेतावनी जारी की गई है।
वाहन चलाते समय बढ़ रहा खतरा
ठंड बढ़ने के साथ हवा प्रदूषित होने से धुंध व कोहरा भी वायु मंडल में असर दिखा रहा है। जिससे रात के समय और सुबह धूप खिलने से पहले तक सड़कों पर वाहन चलाते समय भी खतरा बढ़ रहा है। दृश्यता कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी है। सोमवार सुबह कोहरे व धुंध की दस्तक से शहर के आउट स्कर्ट के इलाकों और हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। जिसे लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। सुबह जब लोग सोकर उठे तो दरवाजे से बाहर धुंध व कोहरे की चादर फैली नजर आई। सुबह ठंड का अहसास हुआ और लोग हल्के गर्म कपड़े पहने घूमते देखे गए।
आगरा के तीन इलाकों में सर्वोच्च स्तर पर प्रदूषण
वहीं ताजनगरी की हवाएं अब सांस लेने लायक नहीं हैं। हर इलाका जहरीली गैसों का गोला बन चुका है। सोमवार को दीवाली के बाद जैसा प्रदूषण फिर लौट आया है। तीन इलाकों में हवाएं ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आ गई हैं। जबकि दो इलाकों में हवाएं ‘खराब’ की श्रेणी में हैं। ऐसे में बाहर निकलने पर बीमार होने का खतरा बहुत बढ़ गया है। सोमवार को सबसे खराब इलाका ताजमहल के करीब शाहजहां गार्डन रिकार्ड किया गया। यहां एक्यूआई 313 माइक्रोग्राम पर मीटर रहा है। जबकि सूक्ष्म कणों की अधिकतम मौजूदगी 439 और धूल कणों की मौजूदगी 412 एमपीएम दर्ज की गई है। प्रदूषण के मानकों में यह सर्वोच्च है। दूसरे नंबर पर आवास विकास इलाके में एक्यूआई का स्तर 293 रहा है। यहां पीएम 2.5 आकार के सूक्ष्म कणों की अधिकतम मौजूदगी 408, धूल कणों की 405 एमपीएम रिकार्ड की गई है।
संजय प्लेस का रिकार्ड गायब
सीपीसीबी की अधिकृत वेबसाइट पर दूसरे दिन भी संजय प्लेस का रिकार्ड गायब रहा। इस मानीटरिंग स्टेशन का डेटा रविवार को हटा दिया गया था। तब से यहां नो डेटा अवेलबल लिखा आ रहा है। जाहिर है कि जब आवासीय इलाकों में प्रदूषण सर्वोच्च स्तर पर है तो व्यावसायिक क्षेत्र में यह सर्वाधिक रहा होगा। बता दें कि दीवाली से 15 दिन पहले ही संजय प्लेस की हवाएं खराब हो गई थीं जो अब तक साफ नहीं हुईं।
दयालबाग, रोहता की हालत बहुत खराब
तीन इलाके सीवियर यानि गंभीर श्रेणी में हैं। इनके अलावा दो इलाके बहुत खराब की श्रेणी में हैं। इनमें हरियाली से भरपूर दयालबाग भी शामिल हो गया है। दयालबाग में एक्यूआई का स्तर 247 रहा है। जबकि यहां सूक्ष्म कणों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 358 और धूल कणों का 275 माइक्रोग्राम पर मीटर रिकार्ड किया गया है। इसी तरह रोहता में एक्यूआई 271, सूक्ष्म कण 391, धूल कणों का स्तर 330 रहा है।
तीसरे नंबर पर है शास्त्रीपुरम क्षेत्र
तीसरे नंबर पर शास्त्रीपुरम में एक्यूआई का स्तर 287 रिकार्ड किया गया है। जबकि पीएम 2.5 की अधिकतम मौजूदगी 402 और पीएम 10 की 403 एमपीएम रिकार्ड की गई है। यह तीनों इलाके प्रदूषण के सर्वोच्च स्तर पर हैं। इन्हें सीवियर यानि गंभीर श्रेणी में रखा गया है। इसके तहत किसी भी इलाके में प्रदूषण के मानकों की मौजूदगी 401 से 500 माइक्रोग्राम पर मीटर के अंदर रहती है।
इन बातों का रखें ध्यान
-घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना बेहद जरूरी हो गया है
- हमेशा थ्री लेयर वाला सर्जिकल या एन-95 मास्क ही लगाएं
- घरों के आसपास आक्सीजन का स्तर बढ़ाने को छिड़काव करें
- आखों पर चश्मा लगाएं, दोपहिया चाक हेलमेट भी जरूर लगाएं
- खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, बीच-बीच में एग्जास्ट चलाएं
- निर्माणाधीन इमारतों वाले और धूल भरे इलाकों में जाने से बचें
- खुले में कूड़ा-कचरा, अंगीठी, लकड़ी, कोयला जलाने से बचें