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गजब हाल! कोर्ट में अटके मामले, अदालत का फैसला आने से पहले चूहे खा गए सबूत

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) द्वारा खानपान से संबंधित उत्पादों के नमूने समय-समय पर लिए जाते हैं। अगर किसी के द्वारा मिलावाटी खाद्य पदार्थ से संबंधित शिकायत होती है तो भी विभाग के द्वारा नमूना लिया जाता है। ये नमूने चूहे चट कर गए।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अलीगढ़, सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठSat, 14 Sep 2024 05:32 AM
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साथा चीनी मिल में बंदरों ने बीते दिनों में चीनी चट कर दी थी। इसी तरह पूर्व में यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में चूहों के द्वारा गांजा, भांग खाने के मामले भी सामने आ चुके हैं। ताजा मामला अलीगढ़ के फूड सेफ्टी विभाग से जुड़ा है। जहां अदालत से फैसला आने से पहले ही चूहे सबूत खा रहे हैं। जी हां, विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों के जो नमूने लिए जाते हैं, उसमें से एक नमूना सु्रक्षित रखना होता है। इनमें से कई मिठाई, नमकीन के नमूने चूहे चट कर चुके हैं।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) द्वारा खानपान से संबंधित उत्पादों के नमूने समय-समय पर लिए जाते हैं। अगर किसी के द्वारा मिलावाटी खाद्य पदार्थ से संबंधित शिकायत होती है तो भी विभाग के द्वारा नमूना लिया जाता है। विभाग के द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा-47 के तहत एक नमूने को चार भागों में पैक किया जाता है। एक भाग को जांच के लिए फूड लैब में भेजा जाता है। तीन नमूनों को विभाग के द्वारा सुरक्षित रखा जाता है।

अलीगढ़ के एफडीए विभाग में वर्तमान में पांच हजार से ज्यादा नमूने रखे हुए हैं। कलक्ट्रेट के एक कमरे में संचालित इस कार्यालय में पांच हजार से ज्यादा नमूने रखे हैं। बीते दिनों में इनमें से कई नमूने चूहे खा चुके हैं, जगह के अभाव में सही तरह से इन नमूनों की देखभाल भी नहीं हो पा रही है। विभाग की ओर से कलक्ट्रेट में इन नमूनों को दूसरे स्थान पर रखे जाने के लिए भवन दिए जाने का प्रस्ताव डीएम के लिए भेज जा रहा है।

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इसलिए रखे जाते हैं नमूने सुरक्षित
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक एक नमूनों को चार भागों में सील किया जाता है। एक नमूना लैब में जांच के लिए भेजे जाने के बाद तीन भाग सु्रक्षित रखे जाते हैं। जब लैब से रिपोर्ट आती है और जिस प्रतिष्ठान से नमूना लिया गया है, उसका संचालक रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है तो दूसरा भाग जांच को उच्च लैब में भेजा जाता है। अगर लैब भेजे जाने के दौरान नमूना नष्ट हो जाता है तो भी सुरक्षित रखे भाग में से ही नमूने को लैब में भेजा जाता है। तीसरा भाग अगर अदालत में व्यापारी पक्ष की तरह से पूर्व भेजे गए नमूने और रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाया जाता है तो फिर अदालत के आदेश पर लैब में नमूना जांच को भेजा जाता है।

पहले रखे जाते थे कांच की शीशी में सुरक्षित
पूर्व में खाद्य पदार्थों के नमूनों कांच की शीशी में सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान था लेकिन नमूनों को जांच के लिए भेजे जाने में कांच की शीशी टूटने का डर रहता था। जिसके चलते अब नमूने प्लास्टिक की शीशी में पैक कर भेजे जाते हैं।

एडीएम सिटी व एसीजेएम की अदालत से होता है निर्णय
एफडीए लैब से अगर किसी भी खाद्य पदार्थ का नमूना अद्योमानक, मिलावटी (जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक) आता है तो उससे संबंधित निर्णय एडीएम सिटी व एसीजेएम की अदालत से होता है। एडीएम सिटी की अदालत से जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है और एसीजेएम की अदालत से सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

एफडीए, डीओ, दीनानाथ यादव ने कहा कि कार्यालय में जगह कम होने की वजह से काफी दिक्कत है। पांच हजार से ज्यादा नमूने यहां संग्रहित हैं। जगह कम होने से कई नमूने चूहे नष्ट कर जाते हैं। इन नमूनों को दूसरे भवन में रखने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। डीएम, विशाखजी ने कहा कि एफडीए की मंडल स्तरीय लैब व कार्यालय लोधा क्षेत्र में बनकर तैयार होने को है। वहां कार्यालय के शिफ्ट होने पर जगह की कमी नहीं रहेगी। अगर वर्तमान कार्यालय में नमूनों से संबंधित समस्या आ रही है तो विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का निस्तारण कराया जाएगा।

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