Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Aligarh 70 percent out of 26 thousand registered tailor under pm vishwakarma yojana

ताला नगरी में दर्जी बनने की दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही, पीएम विश्वकर्मा योजना में हजारों का पंजीकरण

ताला-हार्डवेयर नगरी अलीगढ़ में दर्जी बनने की दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही है। पीएम विश्वकर्मा योजना में 26 हजार पंजीकरण में 70 प्रतिशत दर्जी के लिए हैं। जबकि अलीगढ़ के परंपरागत उद्योग से जुड़े कामकारों की संख्या कम हो रही है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अलीगढ़Thu, 14 Nov 2024 06:30 AM
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ताला-हार्डवेयर व आर्टवेयर नगरी यानि अलीगढ़ में दर्जी बनने की दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केन्द्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना में अब तक 26 हजार पंजीकरण हुए हैं। जिसमें 70 प्रतिशत दर्जी के लिए हैं। योजना में जिले के पंरपंरागत व ओडीओपी से जुड़े उद्योगों के काममकारों की संख्या कम रही है। हिन्‍दू धर्म में भगवान विश्‍वकर्मा को ब्रह्मांड का पहला वास्तुकार यानी इंजीनियर माना गया है। भगवान विश्वकर्मा के नाम पर पीएम ने बीते साल पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की थी।

दिसंबर 2023 में यह योजना जिले में लागू की गई थी। जिसके बाद से अब तक जिले में 26 हजार 564 योजना के तहत हुए हैं। जिसमें सबसे अधिक 70 प्रतिशत 21 हजार 364 आवेदन दर्जी ट्रेड के लिए हैं। हैरत की बात है अलीगढ़ की पहचान जिन उद्योग-धंधों से हैं। उनके लिए दर्जी की तुलना में आवेदन काफी कम हैं। दर्जी के सबसे ज्यादा आवेदन होने से विभागीय अधिकारी भी हैरान हैं।

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पीएम विश्‍वकर्मा योजना का उद्देश्‍य
पीएम विश्‍वकर्मा योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना है। इसके तहत 18 पारंपरिक व्यापारों को लाभ देने की योजना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को कम ब्‍याज में तीन लाख रुपये तक लोन दिया जाता है। योजना का उद्देश्‍य अपने हाथों और औजारों की मदद से काम करने वाले कारीगरों, शिल्‍पकारों को सहायता प्रदान करना है। जिसमें प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्‍यम से कारीगरों और शिल्‍पकारों की पहचान की जाएगी।

किन-किन लोगों को मिलता है लाभ
- राजमिस्त्री
- अगर आप मूर्तिकार हैं
- पत्थर तराशने वाले
- पत्थर तोड़ने वाले
- जो नाव निर्माता हैं
- जो लोग लोहार का काम करते हैं
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- मोची/जूता बनाने वाले कारीगर
- फिशिंग नेट निर्माता
- अगर आप सुनार हैं
- जो ताला बनाने वाले हैं
- नाई यानी बाल काटने वाले
- मालाकार
- धोबी और दर्जी
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले
- जो अस्त्रकार हैं
- गुड़िया और खिलौना निर्माता

कितना लाभ मिलता है
इस योजना से जुड़ने के बाद लाभार्थी को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए रोजाना 500 रुपये का स्टाइपैंड दिया जाता है। साथ ही टूलकिट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके बाद शुरुआत में एक लाख और फिर अतिरिक्त दो लाख रुपये का लोन दिया जाता है। ध्‍यान रहे कि सरकार इसके लिए पीछे ब्‍याज भी वसूल करती है।

कैसे कर सकते हैं आवेदन
अगर आप पात्र हैं और आवेदन करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं. इसके लिए पहले अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र जाएं और यहां जाकर अपने संबंधित दस्तावेजों को वेरिफाई करवाएं. इसके बाद पात्रता चेक होगी और सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद आपका आवेदन कर दिया जाता है।

डीआईसी, जीएम, वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 21 हजार से ज्यादा पंजीकरण हुए हैं। जिसमें सबसे अधिक दर्जी के लिए कुल आवदेनों में 70 प्रतिशत हैं।

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