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बंदर भगना को हाईटेक मशीनों का होगा इस्तेमाल, बाइक पर लेकर घूमेंगे सिपाही, ऐसे करेंगी काम

ताजमहल पर निगम फेल हो रहा है। बंदरों का आतंक अब भी जारी है। अब हाईटेक तरीके से बंदर भगाए जाएंगे। ताजमहल पर बंदरों की समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में मशीनों का इस्तेमाल कर भगाया जाएगा।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, आगराWed, 25 Sep 2024 10:29 AM
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आगरा में ताज महल पर बंदरों की समस्या पुरानी है। नगर निगम ने कई बार बंदरों को पकड़ा भी लेकिन समस्या जस की तस रही। पिछले 10 वर्षों में सवा तीन करोड़ रुपये खर्च हो चुके है। अब बंदरों को हाईटेक अंदाज में भगाए जाने की कवायद हो रही है। ताज सुरक्षा पुलिस बंदरों को भगाने पर पांच लाख रुपये खर्च करेगी। ताजमहल का दीदार करने आने वाले पर्यटकों पर आए दिन कभी स्मारक के अंदर तो कभी बाहर बंदरों के झुंड हमला कर घायल कर देते हैं। उनके हाथ से सामान छीन ले जाते हैं।

पिछले साल तो एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं होने पर जब इस समस्या को लेकर नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए तो बंदरों को पकड़े जाने का अभियान चला। 450 बंदर पकड़े भी गए। उससे पहले 2014 में भी बंदरों को पकड़े जाने के लिए टेंडर किया था। तब भी लगभग 700 बंदर पकड़े गए थे। उस समय शहर के 10 हजार बंदरों को पकड़े जाने की जिम्मेदारी मथुरा के एक ठेकेदार को दी गई थी। इन पर सवा तीन करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

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कुछ दिनों पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ताजमहल पर बंदरों के आतंक से पर्यटकों की परेशानी का जिक्र एक्स पर किया था। इसके बाद से सक्रियता बढ़ गई। कुछ दिन पहले ही एडीजी आईबी और एडीजी सुरक्षा ने ताजमहल का निरीक्षण किया था। उसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बंदरों का मामला भी उठा था। उस बैठक में एसीपी ताज सुरक्षा ने पर्यटकों को बंदरों से निजात दिलाने के लिए अपना प्लान बताया था। इसमें एंटी मंकी टास्क फोर्स तैनात करने, उन्हें अत्याधुनिक अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीनों से लैस करने, चिन्हित 15 प्वाइंट पर मशीनों को लगाने कि बात कही गई थी। इसके लिए 15 मशीनों को खरीदने पर पांच लाख रुपये का खर्च आनाबतायागयाथा।

बंदरों पर नहीं पड़ रहा अभी कोई असर
नगर निगम ने बंदरों को पकड़े जाने के बाद उन्हें अन्यत्र स्थानों पर छोड़ दिया। बंदर फिर से वापस पहुंच गए। यही हाल कुत्तों का भी हुआ। इनको पकड़े जाने का अभियान चला। उनकी नसंबदी कराकर उन्हें फिर से छोड़ दिया गया। कुत्ते भी उसी इलाके में फिर से पहुंच गए। अब सवाल ये उठता है कि जब बंदर पकड़े गए तो भी उनका आतंक कम नहीं हो पाया तो भगाए जाने के बाद फिर नहीं आएंगे। इसकी गारंटी कौन लेगा।

इस तरह काम करेंगी मशीनें
एसीसी ताज सुरक्षा अरीब अहमद ने बताया कि एंटी मंकी टास्क फोर्स में चार सिपाही रहेंगे। ये लोग दो बाइकों पर ताजमहल के 500 मीटर में गश्त करेंगे। इनके पास मशीनें रहेंगी। बंदरों पर सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी। कंट्रोल रूम में जैसे ही रास्ते में बंदर दिखेंगे। वैसे ही एंटी मंकी टास्क फोर्स को संदेश भेजकर वहां पहुंचने को कहा जाएगा। ये लोग मशीन को चालू कर देंगे। तेज ध्वनि तरंगों से बंदर भगा जाएंगे।

इन इलाकों में सबसे ज्यादा बंदर
ताजमहल पूर्वी गेट, पश्चिमी गेट, दशहरा घाट, बसई घाट, शिल्पग्राम, होटल ताज खेमा के पास, पाठक प्रेस के पास, ताज पूर्वी गेट पार्किंग, पश्चिमी गेट पार्किंग, शीशमहल, मुख्य गुंबद के पीछे के हिस्से में सबसे ज्यादा बंदर देखे जाते हैं।

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