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आगरा में मारे गए मुस्लिम युवक के परिवार ने लगाई सीएम योगी से गुहार, मांग रहे इंसाफ

ताजनगरी, आगरा के फेस वन (ताजगंज) में बुधवार की रात हुए गुलफाम हत्याकांड ने पूरे परिवार को बुरी तरह हिला दिया है। घर में मातम का माहौल है। बुजुर्ग माता-पिता को रह-रहकर यह बात सता रही है कि गुलफाम की पत्नी और तीन मासूम बच्चों का क्या होगा।

Srishti Kunj प्रमुख संवाददाता, आगराSun, 27 April 2025 08:52 AM
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आगरा में मारे गए मुस्लिम युवक के परिवार ने लगाई सीएम योगी से गुहार, मांग रहे इंसाफ

ताजनगरी, आगरा के फेस वन (ताजगंज) में बुधवार की रात हुए गुलफाम हत्याकांड ने पूरे परिवार को बुरी तरह हिला दिया है। घर में मातम का माहौल है। बुजुर्ग माता-पिता को रह-रहकर यह बात सता रही है कि गुलफाम की पत्नी और तीन मासूम बच्चों का क्या होगा। उनकी मदद कौन करेगा। उनकी आवाज अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी तक कैसे पहुंचेगी। इंसाफ कब मिलेगा। उन्हें तो यह भी नहीं पता उनके बेटे का कसूर क्या था। उसे क्यों मार डाला। उसकी तो किसी से रंजिश तक नहीं थी।

27 वर्षीय गुलफाम पिछले छह साल से अपने ताऊ के बेटे शाहिद अली के चिकन बिरयानी रेस्टोरेंट पर काम करत था। पांच साल पहले उसका निकाह हुआ था। हत्या के बाद से पत्नी फिजा बदहवास है। सबसे बड़ी बेटी मन्नत चार साल की है। उसे तो यह भी नहीं पता कि उसके पिता को क्या हुआ है। घर पर रिश्तेदारों का तांता है। मां, बाबा और दादी को बिलखते हुए बेटी देख रही है। सहमी हुई है। उसके छोटे भाई फरहान (ढाई वर्ष) व माहिर रजा (आठ माह) तो ठीक से बोलना भी नहीं जानते।

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पिता इमाम बख्श बुजुर्ग हैं। मार्च में उनका एक्सीडेंट हो गया था। घर की जिम्मेदारी गुलफाम के कंधों पर थी। उनका बड़ा बेटा बिलाल बिरयानी की ठेल लगाता है। उसकी इतनी आमदनी नहीं है। उसके भी चार बच्चे हैं। उस पर उनकी जिम्मेदारी है। गुलफाम की हत्या से पूरा परिवार भयभीत है। बुरी तरह टूट गया है। किसी अनजान के सामने खुलकर बोल तक नहीं रहे हैं। गुलफाम के घर के बराबर में शाहिद अली का मकान है। घटना के बाद से उनका रेस्टोरेंट बंद है। उनका मोबाइल तक थाने में जमा है। घर पर रिश्तेदारों का तांता है।

हर जुबान पर एक ही बात है आखिर गुलफाम को ही क्यों मारा। शाहिद अली का कहना है कि वह खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि गुलफाम को क्यों मार डाला। सैफ अली को गोली क्यों मारी। उनकी तो इलाके में सभी से दुला-सलाम है। वह तो व्यापारी हैं। पूरा परिवार एक आवाज में बोला वे इस हत्याकांड को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहते। उन्हें इंसाफ चाहिए।

चिन्हित हत्यारोपी नहीं आए पुलिस के हाथ

गुलफाम हत्याकांड में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और हत्याकांड के बाद वायरल विवादित वीडियो के आधार पर तीन युवकों को चिन्हित किया है। तीनों फरार हैं। मोबाइल बंद कर रखे हैं। घटना के बाद बस में बैठकर भागे थे। सीसीटीवी खंगालने पर पुलिस को यह जानकारी मिली है। तीन टीमें उनकी तलाश में राजस्थान और मध्य प्रदेश में दबिश दे रही है। पुलिस ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि एक भी आरोपित नहीं बचेगा। जेल जाएगा। पुलिस उनके साथ है। बहकावे में नहीं आएं।

एक-एक करके चले गए तीन बेटे

पिता इमाम बख्श और मां जुबैदा की गुलफाम में जान बसती थी। गुलफाम न होता तो उनका ध्यान कौन रखता। अब वह नहीं। बुजुर्ग माता-पिता की आंखों में आंसू हैं। इमाम बख्श ने कहा कि चार बेटे थे। अब एक बचा है। बिलाल। शाहरुख, जीशान और अब गुलफाम, तीन चले गए।

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