छात्र नेता दंडवत यात्रा करते DDU पहुंचे, फिर VC ऑफिस में तोड़फोड़; जहर खा लेने की दी धमकी

  • DDU में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर छात्रनेताओं ने जमकर हंगामा किया। छात्रनेता दंडवत यात्रा करते हुए DDU पहुंचे। यहां उन्‍होंने कुलपति कार्यालय के मेन गेट की कुंडी तोड़ दी। कुलपति के चेंबर का दरवाजा भी तोड़ने की कोशिश की।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। हिन्‍दुस्‍तानWed, 25 Sep 2024 11:13 AM
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Demonstration in DDU for restoration of student union: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर छात्रनेताओं ने जमकर हंगामा किया। छात्रनेता दंडवत यात्रा करते हुए डीडीयू पहुंचे। यहां उन्‍होंने कुलपति (vice chancellor) कार्यालय के मेन गेट की कुंडी तोड़ दी। कुलपति के चेंबर का दरवाजा भी तोड़ने की कोशिश की। बीच बचाव करने गई पुलिस और डीडीयू के नियंता मंडल के सदस्यों से भी छात्रों ने धक्का-मुक्की की। डीडीयू प्रशासन की तहरीर पर पुलिस ने 12 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। सभी नामजद आरोपी पुलिस हिरासत में लिए गए हैं। इस दौरान कई छात्र नेता यह धमकी देते रहे कि यदि चुनाव की घोषणा नहीं हुई तो वे जहर खा लेंगे।

डीडीयू और सम्बद्ध कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को डीडीयू, दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज और अन्य संस्थानों के छात्रों ने इंदिरा बाल विहार से दंडवत यात्रा निकाली। एक किलोमीटर दंडवत यात्रा के बाद करीब 50 की संख्या में छात्र नेता डीडीयू के मुख्य द्वार पर पहुंचे। वहां से कुलपति कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और नियंता मंडल के साथ ही विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी भी अलर्ट हो गए। छात्रनेता कुलपति कार्यालय के लोहे के जाली के बने मेन गेट की कुंडी तोड़कर हॉल में पहुंच गए। वहां भी प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान वे छात्र संघ बहाली की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी कि छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर कुलपति स्थिति स्पष्ट करें। करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद कुलपति कक्ष में जाने के लिए अड़ गए। इस बीच पुलिस और प्रॉक्टर से उनकी तीखी नोकझोंक भी हो गई। कुलपति के चेंबर में घुसने की कोशिश के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हो गई।

तनावपूर्ण माहौल की खबर पाकर एसपी सिटी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंची। कुल 12 छात्रों को हिरासत में ले लिया। छात्रों को हिरासत में लिए जाते देख कई छात्र नेता वहां से मौका देखकर निकल गए। हंगामे के दौरान कुलपति प्रो. पूनम टंडन अपने कार्यालय में फंसी रहीं। इस दौरान वहां कामकाज भी पूरी तरह ठप रहा। मुख्य नियंता प्रो. सतीश चन्द्र पांडेय की तहरीर पर कैंट थाने में देर शाम केस दर्ज कर लिया गया। छात्रसंघ बहाली को लेकर बढ़ रहा गुस्सा विश्वविद्यालय व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर काफी समय से मांग चल रही है। कई बार छात्रनेता प्रदर्शन कर चुके हैं। पिछले दिनों इसे लेकर कुलपति को ज्ञापन भी दिया था। लेकिन कोई फैसला न होने के कारण छात्रों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

निलंबन और प्रवेश प्रतिबंधित करने की तैयारी

एफआईआर के बाद चिह्नित प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की तैयारी भी शुरू हो गई है। डीडीयू के छात्रों को निलंबित किया जा सकता है जबकि बाहरी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पिछली बार माफीनामे के बाद छोड़ने वाला विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार सख्त कार्रवाई के मूड में है।

चुनाव घोषित नहीं हुआ तो जहर खा लेंगे

प्रदर्शन के दौरान ही छात्र नेता यह भी कहते रहे कि चुनाव घोषित नहीं हुआ तो वे जहर खा लेंगे। इसके बाद पुलिस और एलआईयू अलर्ट हो गई। प्रदर्शन के दौरान ही दो छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। बताते हैं कि दंडवत यात्रा के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ी थी।

सवा महीने में दूसरी बार केस 

विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों ने 13 अगस्त को कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुलपति कार्यालय का गेट बंद कर दिया था। इससे कुलपति कार्यालय में मौजूद शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी अंदर ही फंसे रह गए थे। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद छात्रों को रात आठ बजे वहां से हटाया था। मुख्य नियंता प्रो. सतीश पांडेय की तहरीर पर पुलिस ने सात के खिलाफ 16 अगस्त को केस दर्ज किया था। उनमें प्रतीक तिवारी, सत्यम गोस्वामी, मानवेन्द्र यादव, अभिषेक यादव, हर्ष यादव, आदित्य पासवान और सतीश प्रजापति शामिल थे। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अगस्त में निलंबित करने की तैयारी थी। बाद में उन्होंने कुलपति के समक्ष प्रस्तुत होकर लिखित माफीनामा देकर दोबारा ऐसा न करने की बात कही थी। छात्रहित में इनको निलंबित करने का फैसला रोक दिया गया।

क्‍या बोलीं कुलपति

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने को बुलाया था लेकिन सभी एक साथ आने की जिद पर अड़े थे। पुलिस, नियंता मंडल के सदस्यों और विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें रोका। कार्यालय का मेन गेट तोड़ा गया है। जबरन कार्यालय में घुसना और कामकाज में बाधा पहुंचाना अक्षम्य है।

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