गुड न्यूज: केजीएमयू बनेगा देश का पहला सरकारी फेफड़ा प्रत्यारोपण केंद्र, प्रस्ताव तैयार
- केजीएमयू देश का पहला फेफड़ा प्रत्यारोपण सेंटर बन सकता है। अभी देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में फेफड़े प्रत्यारोपित करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए यूपी के मरीजों को भी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद के बड़े निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।
यूपी का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) देश का पहला फेफड़ा प्रत्यारोपण सेंटर बन सकता है। अभी देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में फेफड़े प्रत्यारोपित करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अभी फेफड़ा प्रत्यारोपण के लिए यूपी के मरीजों को भी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद के बड़े निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। अब केजीएमयू ने इस दिशा में पहल की है। एडवांस्ड पल्मोनरी फेल्योर एंड लंग ट्रांसप्लांट यूनिट खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए केंद्र से 122.30 करोड़ रुपये मांगे हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में केंद्रीय चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा है।
केजीएमयू के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के तहत एडवांस्ड पल्मोनरी फेल्योर एंड लंग ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना का प्रस्ताव विभागाध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने तैयार किया था। केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इसकी संस्तुति की है। इस यूनिट की स्थापना के लिए भवन और उपकरणों के लिए केंद्र सरकार से धनराशि मांगी गई है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भेजा है। उन्होंने लिखा है कि देश व उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में रोगी फेफड़ा प्रत्यारोपण के इंतजार में असमय काल के ग्रास बन रहे हैं। कोविड-19 की त्रासदी के बाद स्थिति और भी भयानक हो गई है।
यूनिट स्थापना से बढ़ेगा मेडिकल टूरिज्म
उपमुख्यमंत्री ने लिखा है कि देश के किसी भी प्रमुख सरकारी संस्थान में फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केजीएमयू में इस यूनिट की स्थापना की जाती है तो यह यूपी के साथ ही देश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस यूनिट की स्थापना जहां देश के फेफड़े रोगियों के लिए संजीवनी साबित होगी, वहीं अंग प्रत्यारोपण की उन्नत व्यवस्था मेडिकल टूरिज्म के आकर्षण का भी केंद्र बनेगी। पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश में लाखों लोग अंगदान की शपथ ले रहे हैं। मगर फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से प्रधानमंत्री के आह्वान की पूर्ति में कठिनाई आ रही है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से यूनिट स्थापना के लिए 12230.07 करोड़ की धनराशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना 2024-26 के तहत प्रदान किए जाने का अनुरोध किया है।
अयोध्या में 500 बेड का अस्पताल बनाने की तैयारी
अयोध्या में जल्द 500 बेड का अस्पताल बनाने की तैयारी है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा तीन जमीनें चिन्हित की गई हैं। इसका प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भी भेजा गया है। इन जमीनों का परीक्षण कराया जा रहा है। जमीन फाइनल होते ही निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इस अस्पताल के लिए पैसे का प्रावधान बजट में किया जा चुका है। अयोध्या में 500 बेड का अस्पताल बनने से स्थानीय लोगों के साथ ही आसपास के जिलों को भी लाभ होगा। उन्हें इलाज के लिए दूसरे जिलों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।