Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़unnatural rape convict sentenced to 7 years imprisonment incident took place 13 years ago

अप्राकृतिक दुष्कर्म दोषी को 7 साल की कैद की सजा, 13 साल पहले हुई थी वारदात

  • साढ़े सात साल पहले 13 वर्षीय नाबालिग बालक के साथ हुए अप्राकृतिक दुष्कर्म के केस में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी मनोज को 7 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 22 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रुपये पीड़ित को मिलेंगे।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, संवाददाता, सोनभद्रSun, 19 Jan 2025 01:24 PM
share Share
Follow Us on

Accused of unnatural rape sentenced to 7 years imprisonment: यूपी के सोनभद्र में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने साढ़े सात साल पहले 13 वर्षीय नाबालिग बालक के साथ हुए अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में सुनवाई के बाद दोषसिद्ध पाए गए मनोज को 7 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 22 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रुपये पीड़ित को मिलेंगे।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक सोनभद्र के ओबरा थाना क्षेत्र के एक कालोनी निवासी पीड़ित की मां ने 5 अगस्त 2017 को ओबरा थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में आरोप लगाया था कि चार अगस्त 2017 को 12:15 बजे दोपहर में जब बाहर से काम करके घर आयी तो राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मानपुर गांव निवासी मनोज पुत्र खरपत्तू हाल पता ओबरा कालोनी उसके घर मे घुसकर उसके 13 वर्षीय नाबालिग बेटे के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म कर रहा था।

जब उसने शोर मचाया तो उसे गाली देते हुए उसे मारने पीटने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर कई लोग आ गए तो वह भाग गया।

तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में अप्राकृतिक दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, सात गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मनोज को सात वर्ष का कारावास एवं 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

अगला लेखऐप पर पढ़ें