जैविक खेती और खाद से फसल सब्जियों की पैदावार को किया प्रेरित
फोटो संख्या 16 मत्स्य दिवस पर संबोधित करते कार्यक्रम में आए विषय विशेषज्ञ फोटो संख्या 16 मत्स्य दिवस पर संबोधित करते कार्यक्रम में आए विषय विशेषज्ञ
हिलौली, संवाददाता। हिलौली के गांव लोटना स्थित राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को विश्व मत्स्य दिवस पर संगोष्ठी हुई। जिसमें मत्स्य पालन होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ भीमराव अंबेडकर केंद्रीय महाविद्यालय लखनऊ की प्रोफेसर डॉ आभा मिश्रा ने कृषि के क्षेत्र में जैविक खेती करने तथा जैविक खाद द्वारा विभिन्न प्रकार के फसलों सब्जियों को पैदा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। कहा मत्स्य पालन एक फायदेमंद खेती है जिसे आम आदमी आसानी से कर सकता है। खेती की तरह न तो इसमें अधिक मजदूरी लगती है न ही बीमारी लगने की संभावना रहती है। अधिक वर्षा, ओले या पाले का डर नहीं रहता है। मत्स्य पालन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जरूरत पड़ने पर हर साइज मछली का मूल्य मिल जाता है। मत्स्य पालक उत्तम सिंह ने दिल्ली से मछलियों को बचाने एवं बीमारियों से बचाने हेतु प्रश्न किया व उसके निदान के लिए पूरी जानकारी दी गई। बताया गया कि दिसंबर या जनवरी में पानी का लेवल बनाए रखने व लाल दवा की छिड़काव करने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। डॉ. विकास कुमार सिंह व पुष्कर मिश्रा, कैलाश चंद्र यादव ने मत्स्य संबंधित जानकारी दी। डॉ प्रशांत ने कहा कि अनुसंधान एवं वैज्ञानिक विधियों किसान नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। इस दौरान गोविंद त्रिपाठी, सुशील यादव, लोकेश्वर सिंह, पंकज सिंह, ईशान श्रीवास्तव, अनुज पाल, धीरेंद्र बहादुर, आशीष यादव, जीत बहादुर, निर्मल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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