बोले उन्नाव : संकरी गलियां, हैंडपंप खराब.. निजात दिलाएं
Unnao News - नुरदी नगर मोहल्ले में पेयजल की गंभीर समस्या है। यहां के लोग इंडियामार्का हैंडपंप पर निर्भर हैं, जो अक्सर खराब रहते हैं। सड़कों की स्थिति भी खराब है और सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोग कई...

नुरदी नगर मोहल्ले में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं। इनमें स्थानीय लोगों के अलावा दूरदराज के लोग भी पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि यहां पानी का एकमात्र साधन इंडियामार्का हैंडपंप ही है। इसमें अधिकांश खराब हैं। टैक्स अदायगी के बावजूद लोग गांवों से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं। महीनों से नालियों की सफाई नहीं हुई है। टूटी सड़कों पर बहते गंदे पानी से लोग गुजरने को मजबूर हैं। वीआईपी इलाके की परिधि से सटे नुरदी नगर के लोग कई दशकों से टैक्स अदा कर रहे हैं। इसके बाद भी यहां मूलभूत सुविधाएं नसीब नहीं हो रही हैं। मोहल्ले में यदि कोई बीमार हो जाए तो एम्बुलेंस को गलियों से होकर अस्पताल पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इससे मरीज की जान खतरे में रहती है। यहां की सड़कें भी वार्ड की हकीकत बयां करती हैं। मरम्मत के बाद इंडिया मार्का हैंडपंप पानी तो दे रहा है, लेकिन फर्श पर गंदा पानी भरा है। इसी पानी में अपने बर्तन रखकर लोग पानी भरते हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान लोगों ने पेयजल का मुद्दा उठाया तो कुछ ने सफाई और एंटी लार्वा छिड़काव न किए जाने की शिकायत की।
सचिन और हर्ष का कहना है कि बच्चों के खेलने की कोई व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले में रास्तों पर लगी दुकानों ने अतिक्रमण कर लिया है। इस्माइल के मुताबिक, वार्ड में अधिकांश सीसी रोड क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इंटरलॉक सड़क के हाल भी बदहाल हैं। जगह-जगह गड्ढे होने से सड़क खराब हो गई है। रही-सही कसर अमृत योजना के कर्मियों ने गड्ढे खोदकर पूरी कर दी है। जगह-जगह गड्ढों से वाहन चालक हादसे का शिकार होते हैं। अंधेरे में पैदल आने-जाने वाले लोग भी गिरकर चोटिल हो जाते हैं। इकबाल और रमेश ने बताया कि मोहल्ले में पेयजल का संकट रहता है। वार्ड में लगे अधिकांश सरकारी हैंडपंप खराब हो चुके हैं। कई बार अधिकारियों से इनकी मरम्मत कराने को लेकर पत्र लिखा जा चुका है। जिन हैंडपंपों से पानी निकलता है, उनके आसपास गंदगी का अंबार है। कीचड़युक्त रास्ते से होकर लोग पानी भरने जाते हैं। इस साल गर्मी के मौसम में वार्ड वासियों को पेयजल की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा।
मंदिरों के अलावा कई पुरानी मस्जिदें हैं यहां
शीतला माता मंदिर, झारखंडेश्वर महादेव मंदिर के अलावा कई पुरानी मस्जिदें हैं। मंदिरों में पूजा के लिए दूरदराज के श्रद्धालु भी आते हैं। इसके अलावा मस्जिदों में इबादत के लिए भी जमावड़ा लगता है। ऐसे में यहां से निकला नाला गंदगी से पटा पड़ा है। नाले से कुछ कदम की दूरी पर ही प्राचीन झारखंडेश्वर मंदिर है। नाले से उठती भीषण दुर्गंध आसपास के लोगों का सांस लेना मुश्किल कर देती है। बारिश के समय जलभराव की समस्या भी रहती है। इलाके में कहीं सड़क नहीं बनी है तो कहीं पर अमृत योजना के तहत खुदाई के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
कचरे से पटे तालाब
एक दौर था, जब यहां के तालाब भूगर्भ स्तर का प्रमुख साधन थे। आबादी बढ़ी तो लोगों ने इन तालाबों में कूड़ा डालना शुरू कर दिया। राशिद बताते हैं कि कूड़ा डालने की जगह न होने के कारण लोगों ने इन तालाबों में गंदगी फेंकना शुरू कर दिया है।
सुझाव
1. खंभों पर लगी अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब हो गई हैं। इन्हें जल्द सुधारा जाए ताकि रात को अराजकतत्वों का जमावड़ा न लगे।
2. नाले और तालाबों की सफाई न होने से बारिश में दिक्कत होती है। समय-समय पर इनकी सफाई हो।
3. कूड़ा फेंकने की कोई व्यवस्था नहीं है। डस्टबिन रखवाए जाएं और नियमित कूड़ा उठाया जाए।
4. सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते हैं। इन्हें नियमित भेजकर सफाई करवाई जाए।
5. वार्ड की खस्ताहाल सड़कों को निर्माण की दरकार है। सड़कें जर्जर होने से आवागमन में असुविधा होती है।
6. वार्ड में पालिका प्रशासन द्वारा लगाए गए अधिकांश हैंडपंप खराब हैं। इनकी मरम्मत करवाई जाए।
शिकायतें
1. मोहल्ले के रास्तों पर दुकानदारों का सड़क तक कब्जा है। इससे आवागमन में काफी समस्याएं होती हैं।
2. अमृत योजना ने वार्ड की सड़कें खराब कर दी हैं। बारिश में राहगीरों को और परेशानी होगी।
3. सबसे बड़ी पेयजल की समस्या है। लोग निजी संसाधनों से पेयजल की व्यवस्था करते हैं। दूसरों का सहारा लेते हैं।
4. सफाईकर्मियों के न आने से गंदगी व्याप्त है। एंटी लार्वा दवा का छिड़काव न होने लोग बीमार हो रहे हैं।
5. डस्टबिन और कूड़ा फेंकने की व्यवस्था न होने से तालाब और नाले में कचरा फेंकते हैं।
6. नाले की सफाई न होने से गंदगी और बदबू होने से लोगों का सांस लेना मुश्किल है।
बोले बाशिंदे
वार्ड की सफाई ठीक ढंग से नहीं होती है। जरा सी बारिश में मोहल्ला टापू बन जाता है। पालिका प्रशासन ध्यान नहीं देता है। - सोनी
वार्ड की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। पीने के पानी के लिए स्थायी टंकी की स्थापना कराई जाए ताकि राहत मिल सके। - निशा
विकास के नाम पर पालिका प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है। दावे लाख किए जाते हैं, लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं होता है। - अजीम
प्रमुख मार्गों को छोड़कर वार्ड के अधिकांश मार्ग जर्जर हो गए हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद मरम्मत नहीं
की गई। - नरेश
वार्ड में कूड़ा उठान नियमित नहीं होता है। सफाई कर्मी कम ही आते हैं। इससे मोहल्ले में कई जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं। -अनिल
बोले जिम्मेदार
जवाहर नगर में बदल रही हैं सड़कों की सूरतें
व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए पालिका टीम प्रयासरत है। कई जगह दशकों बाद व्यवस्था भी सुधरी है। पुराने शहर से जुड़े वार्ड में नाला सफाई पर जोर दिया जा रहा है। निर्माण के लिए टेंडर भी प्रस्तावित हैं। सड़कों की सूरतें बदल रही हैं। - एसके. गौतम, ईओ
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