बोले उन्नाव : टूटी सड़कें और गंदा पानी.. यहां की निशानी
Unnao News - शहर के वार्ड नंबर सात में खस्ताहाल सड़कें, टूटी नालियां और दूषित पानी से लोग बीमार हो रहे हैं। सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है, जिससे गंदगी का अंबार लगा है। यहां के निवासी कई बार प्रशासन से सुधार की मांग...

शहर के वार्ड नंबर सात में समस्याओं का अंबार है। खस्ताहाल सड़कें, टूटी नालियां और प्लाटों में भरा दूषित पानी लोगों को बीमार कर रहा है। कर्मचारी ढंग से सफाई नहीं करते हैं। इससे कई जगहों पर गंदगी के ढेर लगे हैं। पुरानी बस्ती और रायबरेली मुख्य मार्ग के किनारे सड़कों का जाल बिछा है। अमृत योजना के तहत पाइपलाइन डालने के लिए इन मार्गों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि शहर का प्रमुख रिहायशी इलाका होने के बावजूद सड़क, पेयजल और स्वच्छता का अभाव है। कई बार जिम्मेदारों को पत्र भेजकर व्यवस्थाओं में सुधार लाने की अपील की जा चुकी है। इसके बावजूद व्यवस्थाएं अब तक नहीं सुधर सकी हैं।
विकास की बात की जाए तो यहां अन्य वार्डों की अपेक्षा काफी कम काम हुआ है। छोटे-बड़े सिर्फ पांच मार्ग ही सुधरे हैं। मोहल्ले के विकास और आशीष का कहना है कि कई मोहल्ले विकास से अछूते हैं। यहां न तो आवागमन के लिए ढंग की सड़क और न ही जलनिकासी के लिए नालियां दुरुस्त हैं। ऐसे में दूषित पानी सड़क पर जमा होता है। बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव हो जाता है। इससे लोगों को आवागमन करने में परेशानी होती है। साथ ही, संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
अंशू और राजनारायण का कहना है कि सफाई की समुचित व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। कहने को तो वार्ड में सफाई कर्मियों की तैनाती है, लेकिन रोजाना सफाई नहीं होती है। कचरा उठाने वाली गाड़ी भी कुछ विशेष जगहों पर ही आती है। ऐसे में प्लॉटों में कचरा जमा हुआ है। हवा चलने पर यह कचरा उड़कर नालियों में पहुंच जाता है। इससे नालियां चोक हो जाती हैं और जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती हैं। दिनेश और सुयश के अनुसार, वार्ड में कई साल पहले खड़ंजा बिछाया गया था। यह अब कई जगहों से टूट गया है। इससे उड़ने वाली धूल लोगों को बीमार करती है। कई बार अधिकारियों को खड़ंजे की मरम्मत कराने के लिए ज्ञापन दिया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। दीपक और आराध्य ने बताया कि वार्ड में पेयजल की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा है। यहां लगे अधिकांश हैंडपंप लंबे समय से खराब हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है। कई आला अधिकारियों से हैंडपंप की मरम्मत कराने की गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक मरम्मत नहीं की गई है। मयंक और नीलेश ने बताया कि वार्ड के कुछ मोहल्लों में अब तक स्ट्रीट लाइट नहीं लग सकी हैं। ऐसे में रात को बाहर निकलने में लोग डरते हैं। महिलाएं और बच्चे रात होते ही घरों में दुबक जाते हैं। ऐसे में पालिका प्रशासन को स्ट्रीट लाइटें लगवानी चाहिए ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
कई प्रमुख स्थानों की पहचान है वार्ड
वार्ड नंबर सात में इंद्रा नगर, अजीत सिंह द्वार, बंद हिरन छाप तंबाकू फैक्ट्री, प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी आश्रम, हनुमंत जीवाश्रय पशु आश्रय स्थल, पीडी नगर नहर माइनर, प्रस्तावित महिला थाना स्थल शामिल हैं। लोगों का कहना है कि इन प्रमुख स्थानों पर सफाई कर्मी कभी-कभी दिखाई देते हैं। यहां सफाई तभी होती है, जब कोई कार्यक्रम आयोजित होता है।
सैकड़ों पोल लगे मगर कनेक्शन का इंतजार
वार्ड में नई बस्ती बनना शुरू हुई तो बिजली व्यवस्था को लेकर मारामारी होने लगी। बिजली विभाग ने इन घरों को कनेक्शन देने के लिए कई सैकड़ा पोल लगाए। लेकिन, नई बस्ती में तमाम घर अभी ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है। अगर कहीं पहुंच भी गई तो बल्लियों के सहारे। ऐसे में इन लोगों को भी विकास का इंतजार है।। इन घरों में बिजली इधर-उधर से जुगाड़कर जलाई जा रही है। बाशिंदों ने कई बार विभाग से गुहार लगाई पर अब तक सुनवाई नहीं हुई।
सुझाव
1. खराब और जर्जर सड़कों का निर्माण करने की जरूरत है। बदहाल मार्गों के कारण आवागमन में असुविधा होती है।
2. नालियां कई जगहों पर टूटी हैं। इस कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी रहती है। इन्हें दुरुस्त कराया जाए।
3. खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइटें ज्यादातर खराब हैं। ऐसे में रात के समय अंधेरा हो जाता है। इन्हें जल्द दुरुस्त कराया जाए।
4. सफाई कर्मियों को नियमित ड्यूटी करने के आदेश हैं। इसके बावजूद वह नदारद रहते हैं। इसकी निगरानी की जाए।
5. अधिकांश हैंडपंप खराब हो चुके हैं। गर्मी में दिक्कत होती है। इन्हें ठीक कराया जाए।
शिकायतें
1. हल्की सी बारिश में कई मोहल्ले टापू बन जाते हैं। इसका मुख्य कारण जलनिकासी के पर्याप्त इंतजाम न होना है।
2. कई लोगों ने नालियों पर अतिक्रमण कर रखा है। इस कारण कर्मचारी सफाई नहीं कर पाते हैं। इन्हें हटवाया जाए।
3. अमृत योजना के तहत खोदी गईं सड़कें दुरुस्त नहीं की गई हैं। अक्सर लोग गड्ढों की चपेट में आकर चुटहिल हो जाते हैं।
4. वार्ड में आने वाली कचरा गाड़ी कुछ जगहों तक ही पहुंचती है। इन्हें घर-घर पहुंचाया जाए।
5. सफाई कर्मी कचरा निस्तारण करने के बजाय उसे जला देते हैं। इससे सांस के मरीजों को परेशानी होती है।
बोले बाशिंदे
पुरानी बस्ती इसी वार्ड का हिस्सा है। यहां की आबादी हमेशा से मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर रही है। फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं। - राजू
अस्पताल रोड से सटे इलाके में हिरन नगर का 70 फीसदी भाग जुड़ा है। मुहाने पर अव्यवस्थाओं को देख हकीकत बयां हो जाएगी।
- अनुज त्रिवेदी
लाइट की व्यवस्था तो ठीक है पर पाइपलाइन का शुद्ध पानी नहीं मिलता है। अमृत योजना ने यहां सिर्फ लोगों को दर्द दिए हैं।
- दिलीप कुमार
सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं है। गलियों के बाहर गंदगी का ढेर लगा रहता है। मार्गों पर निकलना मुश्किल है। - दीपू सिंह
नाइट स्वीपिंग बेहतर पहल है, लेकिन डंपिंग यार्ड भी बनाने होंगे। नाले की हर माह सफाई करनी आवश्यक है। नवीन कुमार मीरा
बोलीं जिम्मेदार
वार्ड की सुविधाएं बेहतर करने का हर प्रयास किया जा रहा है। सभासद से मोहल्ले में खराब सड़कों और नालियों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद उनका निर्माण कराया जाएगा, जिससे लोगों को असुविधा नहीं झेलनी पड़ेगी। कर्मियों को भी रोज सफाई करने के निर्देश हैं। वार्ड वासियों की अन्य समस्याओं का भी प्राथमिकता से निराकरण कराया जाएगा। -श्वेता मिश्रा, नगर पालिका अध्यक्ष
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