अर्हता से बाहर फिर भी एआरपी की परीक्षा दी
Unnao News - उन्नाव में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की चयन प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया। कुछ शिक्षकों को अपात्र बताकर बाहर किया गया जबकि बिना संस्तुति के अन्य को शामिल किया गया। बीईओ ने इस पर...

उन्नाव। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की चयन प्रक्रिया में नियमों का ख्याल नहीं रखा गया। उन्हीं नियमों में कुछ शिक्षकों को अपात्र बताकर बाहर का रास्ता दिखा गया तो कुछ को बीईओ की संस्तुति के बिना सूची में शामिल कर लिया गया। 15 अप्रैल को डायट में कराई गई परीक्षा का हिस्सा बनते ऐसे शिक्षक देखे गए। नवांबगज ब्लॉक के बीईओ दीपेश कुमार ने बीएसए को पत्र लिखकर दावा किया है कि उनके द्वारा संस्तुति न करने के बाद भी सूची में दो शिक्षकों में प्रावि निधानखेड़ा में सशि के पद पर तैनात मदन पांडेय और प्रावि दिलवल के प्रधान शिक्षक सुनील कुमार का नाम दर्ज है। कहा कि एआरपी आवेदन फार्म भरे जाने की आखिरी तिथि 18 मार्च तक वेतन बहाली का कोई आदेश बीईओ कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ था न ही दोनों अध्यापकों के आवेदन फार्म पर उनकी ओर से संस्तुति की गई। बीईओ के पत्र जारी होने के बाद यह मामला चर्चाओं में बना हुआ है। इस मामले के ज्यादा चर्चित होने का कारण और यह भी है कि इस नियम का हवाला देकर इसी ब्लॉक में तैनात शिक्षिका स्नेहिल पांडेय जो राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजी जा चुकी है। उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है। शिक्षिका ने बताया कि एक दिन का वेतन अवरूद्ध होने के कारण उन्हें अपात्र बताकर परीक्षा में शामिल नहीं किया गया था। जिसके बाद मैंने तय नियमों के मुताबित पात्र न होने की बात मान ली थी। फिर परीक्षा के एक दिन पहले बीईओ ने फोन करके परीक्षा में शामिल होने की बात कही थी लेकिन सूची में नाम न होने के कारण में परीक्षा का हिस्सा नहीं बनी।
15 अप्रैल को 111 में 85 ने दी थी परीक्षा
बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए नगर और हर ब्लाक में पांच एआरपी के हिसाब से 85 की तैनाती तय है। कुछ महीनें पहले 26 एआरपी की तैनाती की जा चुकी है। जबकि शेष 59 एआरपी की नियुक्ति के लिए 15 अप्रैल जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में परीक्षा दी है। जिसके लिए 111 शिक्षक पंजीकृत थे। परीक्षा के वक्त 82 शिक्षक अलग-अलग विषयों की परीक्षा देने के लिए शामिल हुए थे। जबकि 29 की गैरहाजिरी थी।
पत्र बीएसए को लिखा गया था कि वेतन अवरूद्ध की कार्रवाई होने पर आवेदन पत्र में मेरे द्वारा संस्तुति नहीं की गई फिर भी सूची में उनके नाम दर्ज है। मगर बात में पता चला कि वेतन अवरूद्ध की वजह परीक्षा में बाधा नहीं है। बीईओ की संस्तुति न होने पर भी सीधे नाम दर्ज कर सकते है।
जीतेश कुमार, बीईओ नवाबगंज
वेतन अवरूद्ध की कार्रवाई एआरपी की परीक्षा में मायने नहीं रखती है। जिन दो शिक्षकों के नाम बताए जा रहे है उसमें बीईओ की संस्तुति नहीं हुई थी। परीक्षा के लिए समय ज्यादा बचा नहीं था। आगे परीक्षा संभव नहीं थी। इसलिए उनका नुकसान न हो इसके चलते सीधे सूची में नाम दर्ज कर परीक्षा कराई गई।
संगीता सिंह, बीएसए उन्नाव
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