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जागरूकता बाद भी हादसों पर न लगा अंकुश, जाम बना जस का तस

उन्नाव में नवंबर माह को यातायात माह के रूप में मनाया गया। इसके दौरान सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन सड़क हादसों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। पिछले महीने 95 हादसे हुए,...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावSun, 24 Nov 2024 12:29 AM
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उन्नाव, संवाददाता। यातायात पुलिस से हर साल की तरह इस बार भी नवंबर माह को यातायात माह के रूप में मनाया गया। इस दौरान लोगों को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। हालांकि, इसके बावजूद सड़क हादसों पर कोई खास असर नहीं पड़ा और न ही आम जनता को जाम की समस्या से राहत मिल सकी। कई बार यातायात व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किए गए, नियम बनाए गए और हादसों को रोकने के लिए हॉट स्पॉट भी चिन्हित किए गए। मगर इन तमाम प्रयासों का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आ सका। सड़क सुरक्षा के प्रयास केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गए। सड़क हादसों की स्थिति

यातायात माह के दौरान लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के बावजूद सड़क हादसों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। जिले में हर माह औसतन तीस से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं और सैकड़ों लोग घायल हो रहे हैं। हाल ही में एक हादसे में तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से एक फैक्ट्री श्रमिक की जान चली गई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अक्तूबर 2024 तक जिले में कुल 772 सड़क हादसे हुए, जिनमें 607 लोग घायल हुए और 432 लोगों की मौत हुई। केवल नवंबर माह में 95 हादसे, 85 घायल और 41 लोगों की मौत की सूचना सामने आई। इस आंकड़े से यह स्पष्ट है कि जागरूकता अभियान के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर कोई स्थायी बदलाव नहीं आया है।

हादसों का मुख्य कारण ड्रिंक एंड ड्राइव व ओवर स्पीड

सीओ सिटी सोनम सिंह ने बताया कि शहर में हो रहे अधिकांश सड़क हादसों के कारणों में ड्रिंक एंड ड्राइव और ओवर स्पीड प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए एक योजना बनाई जा रही है, जिसके तहत एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों से बातचीत चल रही है। इसके साथ ही डिवाइडरों की मरम्मत और कटों को बंद करने जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।

जाम और यातायात व्यवस्था की समस्याएं

वहीं दूसरी ओर जिले में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए। मगर जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। शहर के प्रमुख चौराहों पर और मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक की समस्या लगातार बढ़ रही है। यातायात माह के दौरान यातायात पुलिस और प्रशासन ने कई बार इन मुद्दों को उठाया, मगर यातायात की अव्यवस्था में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ।

चालान और जुर्माना

यातायात माह के दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से वसूली गई राशि भी काफी अधिक रही। नवंबर माह में जिले में कुल 3281 चालान किए गए, जिनसे 2,27,350 रुपये का जुर्माना वसूला गया। हालांकि, इन जुर्माने के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सिर्फ जुर्माने और जागरूकता से समस्याओं का समाधान संभव है?

सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता

सड़क सुरक्षा व यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए केवल कागजों पर योजनाओं को लागू करने से नहीं बल्कि वास्तविक कार्यों के माध्यम से समस्याओं का समाधान करना जरूरी होगा। हादसों व आंकड़ों को देखने से स्पष्ट है कि केवल जागरूकता अभियान व चालान से सड़क सुरक्षा की समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता। मौजूद समय यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके लिए सड़क निर्माण, डिवाइडरों की सही स्थिति, सिग्नल व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल के बेहतर उपायों की आवश्यकता है। साथ ही, ड्रिंक एंड ड्राइव और ओवर स्पीड जैसी घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, जाम की समस्या से निजात पाने के लिए सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और बेहतर पार्किंग व्यवस्था की आवश्यकता भी महसूस हो रही है।

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