सूने पड़े क्वारंटीन सेंटर,छप्पर की नीचे रह रहे प्रवासी
घर वापसी के बाद भी प्रवासियों की समस्या दूर नहीं हो रही। प्रशासन ने तो क्वारंटीन स्थलों से घरों के लिए रवाना कर दिया मगर जगह न होने से लोगों को छप्पर,बागों में शरण लेनी पड़ रही...
घर वापसी के बाद भी प्रवासियों की समस्या दूर नहीं हो रही। प्रशासन ने तो क्वारंटीन स्थलों से घरों के लिए रवाना कर दिया मगर जगह न होने से लोगों को छप्पर,बागों में शरण लेनी पड़ रही है।
अन्य प्रदेशों से जनपद आने वाले प्रवासियों के लिए जिले में 425 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें से 85 ही एक्टिव हैं। ड्यूटी में लगे अधिकारियों की माने तो प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में लगभग 15 सौ प्रवासी रुके हुए हैं। जबकि इससे कई गुना ज्यादा संख्या में प्रवासी घरों में क्वारंटीन हैं। सबसे ज्यादा समस्या तो उनके सामने हैं जिनके घरों में रुकने की जगह नहीं है। जगह न होने से कोई छप्पर के नीचे रुक रहा है तो किसी ने बागों में आसरा बना रखा है।
महज तीन सेल्टर होम में प्रवासी
बांगरमऊ। प्रशासन ने नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र में कुल सात सेल्टर होम बनाए थे। मगर इस समय केवल नगर का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज,ग्रामीण क्षेत्र का रामरानी विश्वनाथ इंटर कॉलेज, और भगवती राज महाविद्यालय ही ऐक्टिव है। इसके अलावा बाकी जगह प्रवासी नहीं हैं। जबकि क्षेत्र के जामड़,सादाबाद,में लोग छप्पर के नीचे तथा बागों में रुकने को मजबूर हैं।
क्वारंटीन स्थलों पर पड़ा ताला
चकलवंशी। मियागंज ब्लॉक में छह क्वारंटीन सेंटर बनाए गए थे। जिनमें अभी तक 1266 श्रमिकों को क्वारंटीन किया गया है। मगर इस समय लगभग सभी क्वारंटीन स्थल सूने पड़े हैं। आए सभी प्रवासियों को घर भेज दिया गया। जबकि क्षेत्र में कई गांवों में लोग बाहर रहने को मजबूर हैं।
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