पहली तेज बारिश में इंतजाम पानी पानी....जलभराव आफ़त बना
उन्नाव में 24 घंटे की बारिश से जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। शहर और गांवों में लोग परेशान हैं, सरकारी कार्यालय भी प्रभावित हुए। मौसम विभाग ने आगे भी तेज बारिश की संभावना जताई है। किसान खुश हैं, लेकिन...
उन्नाव, संवाददाता। 24 घंटे की झमाझम बारिश से हर तरफ पानी ही पानी नजर आया। शहर से लेकर गांव तक लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा। सरकारी कार्यालयों में भी पानी भरने से कर्मचारी से लेकर फरियादी तक परेशान दिखे। शहर के कई इलाकों के रातभर बिजली आपूर्ति भी लड़खड़ाई नजर आई। मौसम विभाग के अनुसार 18 एमएम हुई बारिश ने किसानों को अमृत दिया है। आज और कल भी तेज बारिश की संभावनाएं जताई जा रही है। मानसून इस साल बिफरा नजर आया। शुरुवात के दिनों से ही सक्रियता न दिखने पर किसान भी मायूस थे। सितंबर महीने में कई बार पड़ रही गर्मी ने जून जैसी तपन का अहसास भी कराया। अगस्त के आखिरी सप्ताह में बादलों की आवाजाही को देखकर लगा कि बदरा मेहरबान होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब मानसून सक्रिय हुआ तो मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू हुई बारिश बुधवार सुबह तक जारी रही। फिर बारिश थमी तो धूप से बदरा घिर गए। इसके बाद उमस भरी गर्म से यहां के लोग परेशान हो उठे। जलभराव भी आफत बनकर आया। मौसम विशेसज्ञ कहते है कि आने वाले 72 घण्टो में तेज बारिश की सम्भावनाएं जताई जा रही है। बादलों की आवाजाही के बीच तेज धूप भी परेशान करती रहेगी। हालांकि रात में तापमान 25 डिग्री रहने की वजह से मौसम में नरमी रहेगी।
पहली तेज बारिश में इंतिजामो की पोल खुली:
बारिश से गांधीनगर, ईदगाह, इंद्रानगर, डीएसएन काॅलेज रोड, आदर्श नगर, हिरन नगर, पीडीनगर, कृष्णानगर, शिवनगर, सिविल लाइन, कब्बाखेड़ा, मौहारीबाग, कल्याणी सहित अधिकांश मोहल्ले भीषण जलभराव की चपेट में रहे। पूरननगर, केवटा तालाब नई बस्ती, कल्याणी, रामपुर, बंधूहार आदि मोहल्लों में पानी भरा रहा। सबसे ज्यादा परेशानी अकमपुर व लोकनगर वार्ड में हुई है। यहां की कई सड़क पर निकलने के लोग पानी को मंझाकर गंतव्य को निकले। छोटे चौराहे पर जलभराव की समस्या से जूझते दुकानदारों ने खुद सफाई कर दुकानों से जलभराव खत्म कराया। बीड़ी मार्किट के अलावा धवन रोड की मार्किट में जलभराव की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ।
अकरमपुर: तीन मुहल्लों के रहने वालों का जीवन गांव जैसा-
अकरमपुर गांव में छह मुहल्ले लगते है। यहां के कुद्दू खेड़ा, सुल्तान खेड़ा, दरबारी खेड़ा में रहने वाली छह हजार आबादी का जीवन गांव जैसा है। कारण है कि यहां सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदारों ने कोई रुचि नही दिखाई। जिन तालाबो पर कब्जा है, इसी वजह से पानी निकासी भी प्रभावित है, वहां व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित करने के लिए कोई आगे नहीं आता। सुलतानखेड़ा में बने प्राइमरी विद्यालय में आने वाले बच्चें भी पानी से होकर घर व विद्यालय को आते जाते है। प्रधानाध्यापिका श्रद्धा सिंह ने क्षेत्रीय सभासद से इस समस्या से निजात के लिए गुहार लगाई है। हालांकि सभासद शिव कुमारी कहती है कि जलभराव में सबसे बड़ी अड़चन जल निकासी की है। कई बार शिकायत के बावजूद कोई विशेष प्रयास नहीं हुए। ऐसे में पहली तेज बारिश में ही शहर का यह प्रमुख वार्ड गांवो जैसा नजर आने लगा है।
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