उन्नाव में जाम संग धूल के गुबार में फंस रहे राहगीर
उन्नाव में सोनिक से बनी पुल तक 92 करोड़ की लागत से सड़क का काम पूरा हुआ। काम के दौरान धूल और जाम की समस्या ने राहगीरों को परेशान किया। एक दशक से जर्जर हाईवे का कायाकल्प हुआ है, लेकिन काम के दौरान...
उन्नाव, संवाददाता। सोनिक से बनी पुल तक 92 करोड़ से संवरने वाली सड़क का काम रविवार तक सोहरामऊ पुराने बस स्टैंड तक पूरा कर लिया गया। धूल के गुबार व मानकों की अनदेखी का आरोप अब सही साबित हो रहा है। जाम के साथ धूल के गुबार में फंसकर राहगीरों का दम घुट रहा, चुटहिल भी हो रहे। ऐसा तब है, जब कार्यदाई संस्था को बेहतर कार्य कराने के लिए निर्देश जारी हुए है।
एक दशक से कानपुर लखनऊ हाईवे की सड़क जर्जर थी। गंगा एक्सप्रेस-वे के अलावा कई और निर्माण होने और वाहनों का भार बढ़ने से सड़क चलने लायक नहीं बची। सोनिक से सोहरामऊ स्थित सई नदी ब्रिज तक हर दूसरे कदम पर गड्ढे नजर थे। कई बार जनप्रतिनिधियों ने कहा पर सुध लेने वाला कोई नहीं था। तमाम कवायदों के बाद शासन ने कड़ाई की और कायाकल्प की योजना बनवाई। 92 करोड़ का बजट जारी हुई तो 13 नवंबर से काम शुरू कराया गया।
काम की जिम्मेदारी जीएस एक्सप्रेस कंपनी को मिली। सड़क निर्माण से पहले यातायात व पुलिस को इसकी एक प्रति भेजी गई। डायवर्जन प्वाइंट पर कर्मियों की तैनाती की मांग हुई थी। हालांकि, कंपनी ने 11 दिन में 37 किमी निर्माण पूरा कर लिया। रविवार को सोहरामऊ चौराहे से बस स्टैंड तक तकरीबन 250 मीटर सड़क की सूरत बदली गई।
प्रमुख चौराहे पर काम के लिए बेरीकेडिंग लगी तो गाड़ियों को साइकलिंग लेन से निकाला गया। इससे डेढ़ किमी लंबा जाम लग गया। शाम को साढ़े सात बजे के बाद स्थितियां खराब होती चली गई। आशाखेड़ा के आगे एक पेट्रोल टंकी के पास से लगनी शुरू हुई वाहनों की कतार क़स्बे तक दिखाई दी। वाहन स्वामी रेंगते नजर आए। लखनऊ जाने वाले कई वीआईपी भी फंसे रहे।
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