सुहागिनों ने चलनी से निहारा चांद, अर्घ्य दे तोड़ा उपवास
उन्नाव में करवाचौथ का व्रत रखकर महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना की। महिलाएं पूरे दिन तैयारियों में व्यस्त रहीं और चंद्र दर्शन के बाद विधिपूर्वक व्रत तोड़ा। इस अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की...
उन्नाव, संवाददाता। करवाचौथ का व्रत रखकर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना की। चलनी की ओट से चांद का दीदार कर पति की लंबी उम्र मांगी। इसके साथ ही व्रत तोड़ा। इससे पहले पूरा दिन महिलाओं का करवाचौथ की तैयारियों में ही बीता।
पति की दीर्घायु के लिए मनाए जाने वाले करवाचौथ व्रत के लिए महिलाओं में खास उत्साह देखा गया। रविवार सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। दीवार पर गेरू अथवा हल्दी चावल के घोल से करवा बनाया। चित्र में शंकर, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के चित्र बनाए। शाम को घर में दही बड़े व कड़ी आदि बनाई। महिलाओं ने सोलह शृंगार कर चांद का दीदार करने के लिए घरों के आंगन और छतों पर पहुंच गइं।
चंद्र देव के निकलते ही चलनी की ओट से उसका दीदार किया व पति से आशीर्वाद लिया। विधिविधान से पूजन अर्चन करने के बाद महिलाओं ने व्रत तोड़ा। दशहरा से लेकर दीपावली तक के सभी पर्व श्रीराम की कथा से जुड़े है।
कहा जाता है कि मां जानकी ने भवानी से सुहाग की रक्षा की प्रार्थना की थी। प्रार्थना फलीभूत हुई। राम विजयी हुए। दशहरा के दिन रावण वध के 10 दिन बाद दसवां हो गया, उसी दिन मां जानकी ने निर्जला व्रत रखा। मां सीता ने चंद्र दर्शन कर व श्रीराम का पूजन किया। वह तिथि यही कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी थी तभी से करवा चौथ का व्रत इतना महत्वपूर्ण हो गया कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को भी यही व्रत करने का परामर्श दिया था।
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