उन्नाव में 25 साल से एक लाख पुस्तकें जर्जर पुस्तकालय में बंद
उन्नाव | हिन्दुस्तान संवाद पुरवा तहसील स्थित पुस्तकालय में 25 साल से लगभग एक लाख पुस्तकें ताले में बंद हैं। यहां आसपास फैली सीलन से किताबों...
उन्नाव | हिन्दुस्तान संवाद
पुरवा तहसील स्थित पुस्तकालय में 25 साल से लगभग एक लाख पुस्तकें ताले में बंद हैं। यहां आसपास फैली सीलन से किताबों में दीमक लग गया है। पुस्तकालय के देखभाल के लिए पहले नगर पंचायत से रुपए दिया जाता था। अब वह भी बंद हो गया है। देखभाल के अभाव में पुस्तकालय में रखी किताबें बर्बाद हो रही हैं।
पुरवा स्थित भूमि विकास बैंक की इमारत में सन 1951 में हिंदी प्रसार पुस्तकालय की स्थापना हुई थी। यहां साहित्य, कला, मनोरंजन, चिकित्सा, धर्म से जुड़ी तमाम ज्ञानवर्धक पुस्तकें मंगाई गई थीं। साहित्यिक पुस्तकें छापने वाले प्रकाशकों को यहां का आजीवन सदस्य भी बनाया गया था। लोगों ने बताया कि यहां एक लाख से अधिक पुस्तकें मौजूद हैं।
पुस्तकालय जब चलता था, तब आसपास के विद्यार्थी, बुद्धिजीवी तथा बच्चे यहां आते थे। व्यवस्था संचालन के लिए नगर पंचातय रुपए देता था, मगर पिछले एक दशक से नगर पंचायत ने रुपए देना बंद कर दिया है। बजट के अभाव में पुस्तकालय की देखभाल रुक गई। जगह जगह सीलन जमा हो गई है। इमारत भी जर्जर है। बीते दिनों पुस्तकालय का ताला खोला गया था तो किताबों में कीड़े लगे मिले।
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