उन्नाव में बढ़े सांस के मरीज, जिला अस्पताल में डाक्टर नहीं
Unnao News - उन्नाव में कड़ाके की ठंड और प्रदूषण ने सांस रोगियों की समस्याएँ बढ़ा दी हैं। रविवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 32 मरीज आए, जिनमें 9 सांस की बीमारी से पीड़ित थे। डॉक्टर मरीजों को ठंड और धुंध से...
उन्नाव, संवाददाता। कड़ाके की ठंड के बीच प्रदूषण ने सांस रोगियों की परेशानी बढ़ा दी है। रविवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सबसे अधिक सांस के मरीज भर्ती हुए। इसे देखते हुए डॉक्टर मरीजों को ठंड, प्रदूषण, धुंए व शुष्क हवाओं से बचने के तरीके समझा रहे हैं। वही जिला अस्पताल में तैनात इकलौते चेस्ट रोग विशेषज्ञ के ट्रेनिंग पर जाने से ओपीडी का संचालन नहीं हो पा रहा है। इससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिला अस्पताल स्थित इमरजेंसी में रविवार को 32 मरीज आए। इसमें सबसे अधिक 9 मरीज सांस की बीमारी से पीड़ित थे। डॉ. कौशलेंद्र प्रकाश ने बताया कि सांस के सभी मरीज पुराने हैं, उनकी दवा भी चल रही है।लेकिन मौसम में परिवर्तन ने उनकी सांस की बीमारी को ट्रिगर कर दिया है। ऐसे में धूलभरी हवा, धुंध या कोहरे में शामिल होकर हवा में मौजूद प्रदूषणकण सांस की बीमारी को उकसा रहे हैं। यह प्रदूषण कण तत्व सांस के साथ शरीर के भीतर जाकर सांस नली को संक्रमित कर देते हैं। जिससे सांस नली में सूजन फिर खांसी और सांस लेने में परेशानी तथा घरघराहट की आवाज आने लगती है। ऐसे में ठंड और कोहरे से बचने में सावधानी न बरतने वाले सांस के पुराने मरीजों की तकलीफ बहुत बढ़ गई है। ऐसे में मरीजों को दवा के साथ एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है।वही जिला आपताल की ओपीडी में भी चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभित अगिनहोत्री को आईसीयू संचालन की ट्रेनिंग लेने के लिए लखनऊ भेज दिया गया है। करीब तीन महीने तक चलने वाली इस ट्रेनिंग के दौरान जिला अस्पताल में चेस्ट रोग विभाग की ओपीडी का संचालन नहीं हो सकेगा। ऐसे में सांस संबंधी बीमारियों के मरीज निजी अस्पतालों के लगाने काटने को मजबूर हैं।
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