Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़university which gave marks even oncopies written by Jayshree Ram now gave 65 out of 50 distributed among 200 student

जयश्रीराम लिखी कापियों पर भी नंबर देने वाली यूनिवर्सिटी में अब दिए 50 में से 75, दो सौ छात्रों को मनमाने अंक

यूपी में शिक्षा व्यवस्था का हाल किस तरह का चल रहा है, बार-बार सामने आ रहा है। यहां की प्रसिद्ध पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फॉमेसी की कॉपियों में उत्तर की जगह जयश्री राम और फिल्मी स्टारों के नाम लिखने के बाद भी मनमाना अंक दिए गए थे। अब बीएड में 50 में से 65 और 75 अंक दे दिए गए हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 Sep 2024 03:37 PM
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यूपी में शिक्षा व्यवस्था का हाल किस तरह का चल रहा है, बार-बार सामने आ रहा है। यहां की प्रसिद्ध पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फॉमेसी की कॉपियों में उत्तर की जगह जयश्री राम और फिल्मी स्टारों के नाम लिखने के बाद भी मनमाना अंक दिए गए थे। अब बीएड की कॉपियों के मूल्यांकन में उससे भी अजब-गजब कारनामे प्रकाश में आए हैं। 50 पूर्णांक वाली कॉपियों में 65 से 75 तक अंक दे दिए गए। वह भी एक-दो नहीं बल्कि करीब 200 छात्रों की कॉपियों में इस तरह किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मूल्यांकन करने वाले शिक्षक को फटकार लगाई और देर रात तक बैठाकर पुन: मूल्यांकन कराकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की गई है।

पीयू के बाला साहब देवरस केंद्रीय मूल्यांकन कक्ष में बीएड के द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बीते कई दिनों से चल रहा था। इसके लिए करीब 200 आंतरिक एवं बाह्य परीक्षक बुलाए गए थे। इसी दौरान एक परीक्षक ने एन्वायरमेंट एजुकेशन की कॉपी का मूल्यांकन करने के दौरान मनमाने अंक दे डाले। किसी को 65 तो किसी को 70-75 अंक दिए गए। जबकि वह प्रश्नपत्र ही 50 नंबर के पूर्णांक का था। अब सवाल उठता है कि शिक्षक ने मनमाने ढंग से कॉपी जांचकर अंक दिया या 90 का पूर्णांक मानकर मूल्यांकन कर दिया। 50-50 कापियों के बंडल की जांचकर एजेंसी में अंक पोस्ट करने के लिए भेजा गया।

अंक फीडिंग के दौरान एजेंसी ने पकड़ा मामला

50 पूर्णांक वाली कॉपी के मूल्यांकन में 65 से 75 अंक देने का मामला एजेंसी ने पकड़ा। बताया जाता है कि एजेंसी के कर्मियों द्वारा जब अंक पोस्ट किया जा रहा था तो डाटा मिसमैच कर गया। फिर देखा गया कि 50 के पूर्णांक पर 60 से अधिक अंक दे डाले गए हैं। इसके बाद शिकायत संयोजक अजय कुमार दुबे से की गई। उन्होंने तत्काल मामले को गंभीरता से लिया और खुद कापियों के बंडल को देखा। जिसमें भारी गड़बड़ी की गई थी।

रात नौ बजे तक जंचवाई गईं कॉपियां

गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद परीक्षक को बुलाया गया और लापरवाही के लिए जमकर फटकार लगाई गई। उसके बाद पुनः बंडल को पढ़कर जांचने के लिए कहा गया। इस पर शिक्षक ने रात नौ बजे तक कॉपी को पुन: चेक कर गड़बड़ियां ठीक कीं।

विश्वविद्यालय में बीएड मूल्यांकन के संयोजक प्रो. अजय दुबे के अनुसार मामला संज्ञान में आते ही उसे गंभीरता से लिया गया और परीक्षक को तलब किया गया। उसने इस लापरवाही के लिए मानवीय भूल स्वीकार की। जबकि पेपर के पूर्णांक समेत सभी जानकारियां परीक्षकों को दी गई थी। इस लापरवाही पर एक मौका देते हुए उसे पुन: मूल्यांकन करवाकर नंबर को ठीक कराया गया।

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