Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Two youths left Islam and adopted Satnatan Dharma now they will get three thousand rupees every month

इस्लाम छोड़कर दो युवकों ने अपनाया सतनातन धर्म, अब हर महीने मिलेंगे तीन-तीन हजार रुपये

  • लखनऊ में मंत्रोचारण के बीच दो लोगों ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर (पूर्व नाम वसीम रिजवी) की मौजूदगी में दोनों की घर वापसी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 23 Feb 2025 06:03 PM
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इस्लाम छोड़कर दो युवकों ने अपनाया सतनातन धर्म, अब हर महीने मिलेंगे तीन-तीन हजार रुपये

यूपी की राजधानी लखनऊ में मंत्रोचारण के बीच दो लोगों ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर (पूर्व नाम वसीम रिजवी) की मौजूदगी में दोनों की घर वापसी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। पंडित अमरनाथ मिश्र ने पूजन कराया। इसके बाद दोनों लोगों का गंगा जल से शुद्धीकरण किया गया। वैदिक रीति रिवाज से तिलक लगाकर नाम परिवर्तन किया गया। इस्लाम धर्म मानने वाले बिजनौर निवासी सरफरात अहमद का नाम बदल कर राजन मिश्रा रखा गया और शाहजहांपुर निवासी गुलनाज को विराट शर्मा नाम दिया गया। मनकामेश्वर मठ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में दोनों ने हिन्दू धर्म अपनाते हुए दोनों लोगों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मर्जी से सनातन धर्म में आए हैं। अब इन दोनों युवकों को हर महीने तीन-तीन हजार रुपये भी दिए जाएंगे।

दोनों लोगों को जितेन्द्र नारायण ने 11-11 हजार रुपये का चेक व सनातन धर्म में पूरी तरह से समायोजन तक हर माह तीन हजार रुपए आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया। महंत देव्या गिरि ने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से सनातन धर्म में आता चाहता है तो हम उसका स्वागत करते हैं। जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने कहा कि, यह धर्मांतरण नहीं, बल्कि अपने मूल धर्म की पुनर्स्थापना है। ब्राह्मण संसद के अध्यक्ष डॉ अमरनाथ मिश्रा, अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय संयोजक संतोष कुमार वशिष्ट मौजूद रहे।

सनातन धर्म अपनाने के बाद क्या बोले युवक

इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म अपनाने वाले दोनों युवकों ने बताया कि इस्लाम धर्म में कट्टरता है। उस धर्म में कुदरत को नहीं मानते। इस्लाम धर्म बहुत पहले ही छोड़ चुका था, लेकिन अब सनातन में घर वापसी की है। हम दोनों ने ही नफरत और कट्टरता को छोड़कर सनातन धर्म और सनातन संस्कृति को हम सभी के बीच बिना किसी के दबाव में अपनाया है। सफराज से राजन बने युवक ने कहा कि मैंने सनातन में घर वापसी की है, अगर नास्तिक भी कहलाऊंगा तो सनातनी ही कहलाऊंगा। मेरा परिवार वालों से कोई नाता नहीं है। गुलनाज उर्फ विराट शर्मा का कहना है कि इस्लाम धर्म में औरतों की इज्जत नहीं होती है। सनातन धर्म अच्छा लगा, यहां पर सूरज को पूजते हैं, प्रकृति की पूजा करते हैं।

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