Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Two accused were serving life sentence jail for 17 years High Court ordered their release

17 साल से जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे दो आरोपी, हाई कोर्ट ने रिहाई का दिया आदेश

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या व अपहरण के आरोप को लेकर 17 साल से सजा काट रहे दो आरोपियों अनिल व संजू की उम्रकैद की सजा रद्द कर दी है और उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, प्रयागराज, विधि संवाददाताSat, 23 Nov 2024 10:52 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या व अपहरण के आरोप को लेकर 17 साल से सजा काट रहे दो आरोपियों अनिल व संजू की उम्रकैद की सजा रद्द कर दी है और उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने सजा के खिलाफ दाखिल दोनों आरोपियों की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।

अपीलार्थियों के अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा का कहना था कि मृतक शाकिर की बीवी शहनाज ने गाजियाबाद के लोनी थाने में घटना के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया कि आरोपियों सहित पांच-छह लोग पैसे की लेनदेन को लेकर 25 जुलाई 2007 को उसके घर आए और उसके शौहर को साथ ले गए। बाद में हिंडन के पास उसके शौहर की 18 टुकड़ों में लाश बरामद हुई। कोई चाकू बरामद नहीं हुआ। घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। कोई साक्ष्य भी नहीं है।

ट्रायल कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अपीलार्थियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। एडवोकेट ओझा का कहना था कि कई गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं और परिस्थितिजन्य साक्ष्य में कोई तारतम्यता नहीं है। बयान आया कि पूजा कालोनी में 11 लाशें थीं, जिसमें शाकिर की टुकड़ों में लाश बरामद की गई। फोटोग्राफी की गई लेकिन कोई फोटो पत्रावली पर नहीं है। हाईकोर्ट ने अभियोजन की कहानी को पूरी तरह संदिग्ध माना और कहा कि बिना साक्ष्य सजा सुनाई गई है। ऐसे में अपीलार्थी अन्य केस में वांछित न हों तो उन्हें तत्काल रिहा किया जाए।

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