मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने के लिए बना तीन तलाक कानून, सपा सांसद इकरा हसन ने मंशा पर उठाए सवाल
यूपी की कैराना सीट से समाजवादी पार्टी का सांसद इकरा हसन ने तीन तलाक कानून को मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने वाला कानून करार दिया है। उन्होंने तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़ा किया है।
यूपी की कैराना सीट से समाजवादी पार्टी का सांसद इकरा हसन ने तीन तलाक कानून को मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने वाला कानून करार दिया है। उन्होंने तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़ा किया है। एक पॉडकास्ट में तीन तलाक पर पूछे गए सवाल पर इकरा ने हिन्दू मैरिज एक्ट और मुस्लिम मैरिज एक्ट की तुलना करते हुए यहां तक कह दिया कि पहले केवल हिन्दू महिलाओं को बिना तलाक दिए अकेला छोड़ दिया जाता था। अब मुस्लिम महिलाओं के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
लंदन से पढ़ाई करने वाली सपा सांसद ने बड़े ही साफगोई से तीन तलाक पर अपने विचार रखते हुए कहा कि अगर टेक्निकल और लॉजिकल टर्म में बात करूं तो यह एक सिविल मामला है और इसे ऐसा ही बने रहना चाहिए। अब सिविल विवाद के लिए किसी को अपराधी बनाना या कानूनन सजा देना सही नहीं है। ऐसा कहीं और कानून में नहीं होता है। मुझे इसी बात से दिक्कत है। ऐसा केवल इसलिए किया गया कि एक समुदाय (मुस्लिम) के मर्दों को जेल में भरा जाए।
इकरा ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इससे फायदा होने की बात भाजपा सरकार करती है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है। मैंने खुद ऐसे कई केस देखे हैं। हिंदुओं में तलाक लेने की प्रक्रिया बहुत जटिल है, हिंदू मैरिज एक्ट में भी तलाक लेने की प्रकिया जटिल होने से महिलाओं को अकेला छोड़ दिया जाता है। अब ऐसा ही मुस्लिम महिलाओं में भी देखने को मिलने लगा है।
इकरा ने कहा कि ट्रिपल तलाक कानून आने की वजह से अब मुस्लिम महिलाओं को भी अकेला छोड़ दिया जा रहा है। मुझे तो यही लगता है कि यह महिलाओं की बेहतरी से अधिक किसी एक समुदाय के मर्दों को सजा देने का नया तरीका है।