यूपी में नए सिरे से जमीन तैयार करने में जुटी कांग्रेस, 18 दिसंबर को विधानसभा का करेगी घेराव
कांग्रेस नए सिरे से जमीन तैयार करने में जुटी हुई है। वह अब जनहित के मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने जा रही है। इसीलिए 18 दिसंबर को विधानभवन घेराव कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी है।
यूपी में वनवास झेल रही कांग्रेस नए सिरे से जमीन तैयार करने में जुटी हुई है। वह अब जनहित के मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने जा रही है। इसीलिए 18 दिसंबर को विधानभवन घेराव कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी है। सालों बाद ऐसा होने जा रहा है कि प्रदेशभर के कांग्रेसी लखनऊ में किसी घेराव कार्यक्रम में जुटेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि घेराव कार्यक्रम के लिए जिलेवार प्रभारी बनाए गए हैं। इनकी जिम्मेदारी होगी कि वे अपने-अपने जिलों से कांग्रेसियों को लखनऊ लाकर अपनी ताकत का अहसास कराएं।
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में नए सिरे से जमीन तैयार करने में जुटी हुई है। इसकी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को सौंपी गई है। उनके कहने पर ही गुटबाजी खत्म करने के लिए कांग्रेस की सभी इकाइयों को भंग कर दिया गया है। कांग्रेस संगठन में अब ऐसे लोगों को स्थान दिया जाएगा जो जमीन पर उतर कर काम कर सकें। बंद कमरों में बैठकर बयान जारी करने वालों से कांग्रेस आलाकमान किनारा करना चाहता है, इसलिए संगठन से नए चेहरों को जोड़ा जाएगा। इसमें सर्वसमाज के लोग होंगे।
लोकसभा चुनाव परिणाम से कांग्रेस उत्साहित है। उसका यह मानना है कि मुस्लिम और दलित ने इस चुनाव में खुलकर उसका साथ दिया है। दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण उसका मूल वोटर हुआ करता था। वह फिर से कांग्रेस की तरफ देख रहा है। इसीलिए संगठन में इन वर्गों को अधिक तरजीह देने की योजना है। इसको देखते हुए ही विधानभवन घेराव के लिए जिलेवार पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इसमें देखा जाएगा कि उनके जिलों से कितने कांग्रेसी आ रहे हैं। संगठन बनाने में इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
कांग्रेस के एक नेता कहते हैं कि कांग्रेस में अब गुटबाजी नहीं चलेगी। कांग्रेस संगठन में उसे ही स्थान मिलेगा जो काम करेगा। आलाकमान चाहता है कि वर्ष 2027 से पहले यूपी में नई कांग्रेस खड़ी हो जाए, जिससे मजबूती से चुनाव लड़ा जा सके। कांग्रेस 18 दिसंबर को विधानभवन घेराव कर यह संदेश देने जा रही है कि अब वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करती रहेगी।