पंजाब से पीलीभीत बस से पहुंचे थे KZF के आतंकी, लखीमपुर में बुआ; कनेक्शन खंगाल रही पुलिस
- पीलीभीत और पंजाब पुलिस की टीम उस बस की तलाश में जुटी हुई है। चर्चा है कि मारे गए एक आतंकी की बुआ लखीमपुर खीरी के निघासन में रहती हैं और उसका एक करीबी पूरनपुर में रहता है। अन्य दोनों आतंकियों के पीलीभीत कनेक्शन की पुलिस जांच में जुटी हुई है। तीनों आतंकी पीलीभीत के पूरनपुर में एक होटल में रुके थे।
KZF Terrorists Encounter: पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमला करने के बाद खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के तीनों आतंकी अमृतसर से लखीमपुर के लिए चलने वाली निजी बस से पूरनपुर पहुंचे थे। पीलीभीत और पंजाब पुलिस की टीम उस बस की तलाश में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि मारे गए एक आतंकी की बुआ लखीमपुर खीरी के निघासन में रहती हैं और उसका एक करीबी पूरनपुर में रहता है। अन्य दोनों आतंकियों के पीलीभीत कनेक्शन की पुलिस जांच में जुटी हुई है।
खुफिया इकाइयों के निशाने पर पूरनपुर इलाके के दो होटल बताया जा रहा है कि तीनों आतंकी पूरनपुर में एक होटल में रुके थे। इसको लेकर दो होटलों के नाम की चर्चा चल रही है। दोनों होटल पूरनपुर में हाईवे किनारे स्थित हैं। हालांकि पुलिस इस बारे में कुछ नहीं बोल रही है लेकिन खुफिया इकाइयों ने इस पर जांच शुरू कर दी है और पूरे इलाके में इस बात की खूब चर्चा है।
सीसीटीवी की हो रही निगारानी इसकी पुष्टि के लिए पुलिस होटलों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी निगरानी कर रही है। इन होटलों का संचालन कौन करता है। होटल में काम करने वाले स्टाफ की क्या गतिविधि है। इन सभी बिंदुओं पर जांच जारी है। रिश्तेदारों की गतिविधियों की शुरू हुई जांच एक आतंकी की बुआ का घर लखीमपुर खीरी के निघासन में है और उसका एक करीबी भी पूरनपुर में रहता है। यह सामने आने के बाद पुलिस टीमें उनकी गतिविधियों की जांच पड़ताल में जुट गई हैं।
एक आतंकवादी की लखीमपुर के निघासन में है रिश्तेदारी
पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमला करने के बाद तीनों आतंकी अमृतसर से लखीमपुर के लिए चलने वाली निजी बस से पूरनपुर पहुंचे थे। अमृतसर के लिए लखीपुर के गोला से नियमित निजी बसें चलती हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों आतंकी पंजाब में वारदात के बाद इन्हीं बसों से हथियारों समेत पीलीभीत में पूरनपुर तक पहुंचे। अब पुलिस टीम उस बस की तलाश में जुटी है, जिससे वे तीनों यहां तक पहुंचे थे। असलहे साथ लाने के चलते बस चालक भी उनका परिचित या करीबी होने की आशंका जताई जा रही है। यह भी चर्चा है कि तीनों आतंकी दिल्ली होते हुए यहां तक पहुंचे हैं। यहां आने की वजह तराई में सिख समाज के तमाम लोगों के बीच उनके आसानी से छिपना बताया जा रहा है।
दोपहर में पहुंचे परिजन, घटनाक्रम को लेकर साधी चुप्पी
पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र में सोमवार सुबह पंजाब और पीलीभीत पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तान समर्थक तीनों आतंकियों के शवों का मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम कराया गया। तीनों आतंकियों के परिजन भी मंगलवार दोपहर को पीलीभीत पहुंच गए हैं। आतंकियों के परिजनों से हुई बातचीत में उन्होंने अपने पुत्रों के इस तरह के कृत्य पर हैरत जताई। उनका कहना था कि उन्होंने तीनों मृतकों की कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं देखी। एक आतंकी के अपराधिक रिकार्ड के बारे में परिवार के लोग कोई सटीक जानकारी नहीं दे सके। मृतकों के परिजन मंगलवार दोपहर 12 बजे पीलीभीत पहुंचे। पोस्टमार्टम हाउस पर आतंकी जसनप्रीत सिंह के पिता स्वरूप सिंह, गुरविंदर सिंह के पिता गुरुदेव सिंह और वीरेंदर सिंह के जीजा गुरमीत सिंह पहुंचे।
घर से आठ दिन पहले निकला था वीरेंद्र सिंह
आतंकी वीरेंद्र सिंह के पिता पीलीभीत नहीं आए। उनके बहनोई गुरमीत सिंह आए थे। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि वीरेंद्र के साथ कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। आठ दिन पहले ही घर से निकला था। उसके बाद सीधे मुठभेड़ की जानकारी मिली। पोस्टमार्टम के बाद तीनो शव को लेकर परिजन रवाना हो गए।
गुरविंदर के पिता बोले मेरा बेटा ऐसा नहीं था
मारे गए आतंकी गुरविंदर सिंह के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि वह मजदूरी करते हैं। उनका बेटा ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। वह बिल्कुल यह नहीं मानते कि उनके बेटे ने कोई वारदात की। उसके पास कोई असलाह नहीं था। घर में एक साइकिल तक नहीं है। मजदूरी करके पेट पालते हैं।
मेरे बेटे के पास नहीं था मोबाइल
आतंकी जसनप्रीत के पिता तारुन सिंह बोले कि बेटा अनपढ़ था। उसके पास कोई मोबाइल भी नहीं था। पुलिस चौकी पर हमले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह उन्हें पता चला कि यहां बेटे को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।