यूपीआई से भुगतान लेने पर फंसे यूपी के हजारों व्यापारी, ऐक्शन से हड़कंप मचा
- बगैर रजिस्ट्रेशन यूपीआई से भुगतान लेने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कानपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के हजारों व्यापारियों का फंसना तय है। विभाग के ऐक्शन से हड़कंप मचा है।
बगैर रजिस्ट्रेशन यूपीआई से भुगतान लेने वालों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। जीएसटी ने यूपीआई से ऐसे लोगों की विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके बाद नोटिस भेजकर टैक्स, ब्याज और पेनाल्टी की कार्रवाई शुरू होगी। इसमें कानपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के हजारों व्यापारियों का फंसना तय है। विभाग के ऐक्शन से हड़कंप मचा है।
जीएसटी ने यूपीआई से दो कैटगरी में भुगतान लेने वालों का डाटा मांगा है। पहले ऐसे व्यापारी हैं जिन्होंने अब तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, लेकिन सेवा क्षेत्र के माध्यम से सालाना 20 लाख रुपये से अधिक कमा चुके हैं। वार्षिक भुगतान 40 लाख रुपए से अधिक: दूसरी कैटगरी में ऐसे उद्यमियों को रखा गया है, जिन्होंने उत्पाद या माल की आपूर्ति बगैर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराए की है। यूपीआई से इनका वार्षिक भुगतान 40 लाख रुपये से अधिक है। बगैर रजिस्ट्रेशन के लाखों का भुगतान पाने को विभाग बड़ी टैक्स चोरी के रूप में देख रहा है। इसलिए अब जानकारी मांगने के बाद नोटिस भेजकर कार्रवाई की तैयारी है।
किन लोगों की बढ़ेगी मुश्किलें : होटल, रेस्टारेंट, कार-बाइक सर्विस सेंटर, पान, चाय दुकानदारों के अलावा ट्रैवर्ल्स, गेस्ट हाउस, ब्यूटी पॉर्लर संचालकों समेत ऐसे व्यापारी जोकि सीधे तौर पर सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं। बगैर रजिस्ट्रेशन 20 लाख से अधिक का भुगतान पाने पर इनका फंसना तय है। वहीं बाइक-कार शोरूम, साड़ी, मिठाई, किराना, रियल इस्टेट या फिर कोई उत्पाद, माल बेचने का भुगतान यूपीआई के जरिए पाने वाले भी रडार पर हैं। इन पर सालाना 40 लाख रुपये से अधिक पाने पर कार्रवाई होगी।
टैक्स संग वसूल होगा 18 फीसदी ब्याज व जुर्माना
बगैर रजिस्ट्रेशन सेवा और उत्पाद क्षेत्र में कारोबार करके लाखों का भुगतान पाने वालों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। बताया जा रहा है कि यूपीआई से भुगतान का विवरण व संबंधित लोगों के बारे में जानकारी मिलने के बाद जीएसटी की ओर से टैक्स वसूली की कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों पर टैक्स के अलावा 18 फीसदी ब्याज व जुर्माना वसूली की तैयारी है। 15 से 100 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री कृपा शंकर त्रिवेदी ने कहा कि जीएसटी को लेकर यह निर्णय उत्पीड़न करने वाला है। पहले से ही तमाम टैक्स से जूझ रहे व्यापारियों पर यह बड़ी मार है।
वरिष्ठ जीएसटी विशेषज्ञ धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यूपीआई से भुगतान के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना बेहद जरूरी है। अब जीएसटी विभाग ने ऐसे लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है। सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख और उत्पाद की आपूर्ति के लिए 40 लाख का मानक है। इससे ज्यादा यूपीआई भुगतान सालाना लेने पर टैक्स, 18 फीसदी ब्याज व जुर्माना देना होगा। जुर्माना राशि 15 से 100 फीसदी तक हो सकती है।