'मोहब्बत की दुकान' की बात करने वालों को हमसे बात करने में शर्म क्यों? RSS नेता का राहुल गांधी पर कटाक्ष
- आरएसएस नेता होसबाले ने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि वे मोहब्बत की दुकान, नफ़रत के बाजार में हैं, लेकिन वे हमसे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हैं, यहां तक कि कांग्रेस के भी नहीं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर कटाक्ष किया। हिंदुओं के बीच एकता पर जोर देते हुए, दत्तात्रेय ने कहा कि जो लोग “मोहब्बत की दुकान” की बात करते रहते हैं, उन्हें हमसे (संघ) बात करने से नहीं कतराना चाहिए। होसबोले गौ ग्राम में आयोजित दो दिवसीय आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। होसबाले ने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि वे मोहब्बत की दुकान, नफ़रत के बाजार में हैं, लेकिन वे हमसे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हैं, यहां तक कि कांग्रेस के भी नहीं।
उन्होंने कहा कि जीवित रहने के लिए हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। जब उनसे मीडिया में आई खबरों के अनुसार आरएसएस और भाजपा के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि पारिवारिक मामलों को सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस कभी भी भाजपा को राजनीतिक मुद्दों पर सलाह नहीं देता है। धर्मांतरण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और डॉ. बीआर अंबेडकर जैसे नेता धर्मांतरण के खिलाफ थे और आरएसएस इस मामले में उनका अनुसरण करता है। आरएसएस के चल रहे शताब्दी वर्ष की योजनाओं की रूपरेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि दैनिक, साप्ताहिक या मासिक आधार पर आयोजित शाखाओं सहित अन्य शाखाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने शाखाओं की संख्या ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार लाने पर जोर दिया।
हिंदू समाज को बांग्लादेश से पलायन करने की जरूरत नहीं
हाल ही में बांग्लादेश घटनाक्रम पर सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि हिन्दू समाज को वहां से पलायन करने की जरूरत नहीं है। वे वहीं डटे रहें, वह उनकी भूमि है, बांग्लादेश में हमारे शक्तिपीठ हैं। उन्होंने कहा कि विश्वभर में हिन्दू रहते हैं। जहां भी संकट आता है, हिन्दू भारत की ओर देखता है। वक्फ मुद्दे पर आरएसएस महासचिव ने कहा, सरकार जरूरी कदम उठा रही है। जेपीसी जो भी निर्णय लेगी, आगे सरकार जनभावनाओं को ध्यान में रखकर कार्य करेगी। यह हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा नहीं है, क्योंकि कई मुस्लिम ऐसे हैं जो वक्फ का विरोध करते हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सरकार्यवाह बोले-मामला न्यायालय में है, न्यायालय निर्णय लेगा। अयोध्या की तरह इस पर कुछ करने की जरूरत नहीं है, समाज तय करेगा। हम समाज के साथ हैं।
दत्तात्रेय ने समझाया ‘स्व’ का अर्थ
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि ‘स्व’ का कार्य मिट्टी की सुगंध का कार्य है। महात्मा गांधी ने भी बोला था स्वराज्य। ‘स्व’ का अर्थ ‘स्वाधीनता’, राष्ट्रीय स्वत्व है। उन्होंने कहा, यहां की अपनी परम्परा, अपनी सभ्यता, इसके अनुभवों के साथ आचरण करना है, आधुनिकता का पालन करना है, आधुनिकता में भी ‘स्व’ को नहीं भूलना है। उन्होंने कहा पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की जयंती का यह 300वां वर्ष है। सामाजिक जाग्रति, मंदिरों का जीर्णोद्धार, कुशलतापूर्वक शासन करना यह दर्शाता है कि 300 वर्ष पूर्व भी मातृशक्ति जनता के लिए और जनकार्य के लिए शासन चलाने में सक्षम थी।
बहन-बेटियों को बचाना होगा
संघ सरकार्यवाह ने कहा, लव जिहाद से समाज में समस्या हो रही है। लड़कियों को लव जिहाद के प्रति जागरूक करें। हमारे समाज की बहन-बेटियों को बचाना हमारा काम है। केरल में 200 लड़कियों को लव जिहाद से बचाया गया है।
ओटीटी में रेगुलेशन की आवश्यकता
संघ सर कार्यवाह ने कहा कि ओटीटी पर कानूनी रूप से रेगुलेशन की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए फिल्म सेंसर बोर्ड है तो इसके लिए (ओटीटी) क्या है। इससे गलत असर पड़ रहा है। समाज के हित में इसकी जरूरत है। वो कैसे करना पड़ेगा यह अलग बात है। उन्होंने कहा कि हम इस पर नियंत्रण नहीं, रेगुलेशन चाहते हैं, जो समाज का हित देखे।
आरएसएस का ग्वालियर में 31 से प्रशिक्षण वर्ग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों का प्रशिक्षण वर्ग 31 अक्तूबर से 4 नवम्बर 2024 तक, ग्वालियर, मध्यप्रदेश में आयोजित होगा। वर्ग में देश भर से 31 विविध संगठन के कुल 554 प्रचारक भाग लेंगे। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के मुताबिक, यह वर्ग 4-5 वर्ष में एक बार आयोजित होता है। इसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी सह सरकार्यवाह तथा अन्य प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे। वर्ग में मजदूर, किसान, विद्यार्थियों तथा सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं ग्रामीण, वनवासी, शहरी क्षेत्र में कार्य पर चर्चा होगी। साथ ही, राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्यों से जुड़े मुद्दों दिव्यांगजनों, युवा एवं महिला सशक्तीकरण, स्वावलम्बन, सुरक्षा, जैविक कृषि, जल संधारण, पर्यावरण संरक्षण, घुमन्तू कार्य, व्यसन मुक्ति जैसे विषयों पर भी मंथन होगा।