यूपी के 27 शहरों पर भारी पड़ रही देरी, इसी महीने मास्टर प्लान फाइनल करने का आदेश
- 27 शहरों पर विकास प्राधिकरण के अफसरों की लापरवाही से मास्टर प्लान बनाने में देरी भारी पड़ रही है। इस वजह से इन शहरों के सुनियोजित विकास का रास्ता नहीं खुल पा रहा है और न ही अवैध निर्माण रुक रहा है। शासन ने इस पर नाराजगी जताई है और निर्देश दिया है कि इसी महीने इस मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाए।
यूपी के 27 शहरों पर विकास प्राधिकरण के अफसरों की लापरवाही से मास्टर प्लान बनाने में देरी भारी पड़ रही है। इसके चलते इन शहरों के सुनियोजित विकास का रास्ता नहीं खुल पा रहा है और न ही अवैध निर्माण रुक रहा है। शासन ने इस पर नाराजगी जताई है और निर्देश दिया है कि इसी महीने इस मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाए।
केंद्र सरकार की अमृत योजना में 59 शहरों का जीआईएस बेस्ड महायोजना-2031 को तैयार कर जारी किया जाना है। अधिकतर शहरों मास्टर प्लान जारी हो चुका है और कुछ शहरों का अभी भी फंसा हुआ है। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हाल ही में मास्टर प्लान को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। इसमें बागपत-बड़ौत,-खेकड़ा, आगरा, रामपुर, बांदा, कानपुर, उन्नाव-शुक्लागंज, गाजियाबाद, प्रयागराज, झांसी, मुजफ्फरनगर शहर के मास्टर प्लान पर मंथन हुआ। इसी तरह चंदौसी, हरदोई, हाथरस, कासगंज, एटा, जौनपुर, इटावा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़, बदायूं, सीतापुर, गोंडा, सुलतानपुर, मैनपुरी, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और बहराइच विनियमित क्षेत्र के मास्टर प्लान की प्रगति की जानकारी की गई।
बैठक में पाया गया कि अधिकतर शहरों के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद भी इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। अपर मुख्य सचिव आवास ने निर्देश दिया है कि विकास प्राधिकरण स्तर से इसे अंतिम रूप देते हुए शासन को इसी माह उपलब्ध करा दिया जाए, जिससे शासन स्तर से इसे अंतिम रूप देते हुए जारी करने की अनुमति दी जा सके। इसके बाद भी विकास प्राधिकरणों द्वारा इसे रोके रखना संदेह पैदा कर रहा है। माना जा रहा है कि इसके पीछे कहीं कोई खेल तो नहीं है? मास्टर प्लान जारी होने के बाद उसमें तय भू-उपयोग के आधार पर ही अनुमति दी जाएगी। शासन की मंशा इस पर तत्काल रोक लगाने की है।
क्या होगा फायदा
- मास्टर प्लान बनने से शहरों का सुनियोजित विकास होगा
- तय भू-उपयोग पर ही भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी
- शहरों में कहां बाजार होंगे और कहां आवास यह तय होगा
- उद्योग कहां लगेंगे और ट्रांसपोर्टनगर कहां होगा तय होगा
क्या हो रहा नुकसान
-मास्टर प्लान लागू न होने से मनमाना निर्माण जारी रहेगा
-अवैध कालोनियों के निर्माण पर रोक नहीं लग पा रही है
-भू-माफिया खेती की भूमि मनमाने तरीके से बेच रहे हैं
-आम लोग ठगी का शिकार होते हैं और बाद में परेशान होते हैं