चौकीदारों को बंधक बनाकर 147 गैस सिलिंडर ले भागे, गांववालों ने डकैती बताई; दर्ज हुआ चोरी का केस
- दोनों चौकीदारों ने बताया कि रात करीब एक बजे 12 से 14 बदमाश बाउंड्री फांदकर पहुंचे और मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने उन दोनों को घायल कर दिया। गमछे से हाथ पीछे से बांध दिया। इसके बाद चाकू की नोक पर एक कमरे में ले गये। दो बदमाश उनकी निगरानी में थे।
वाराणसी के छतेरी मानापुर गांव (मिर्जामुराद) में शनिवार रात इंडेन ग्रामीण वितरक एजेंसी के दो चौकीदारों को बंधक बनाकर 147 भरे गैस सिलेंडर ले जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीण डकैती बता रहे थे, जबकि मिर्जामुराद पुलिस ने चोरी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने एजेंसी के लिए जाने वाले मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे खंगाले। डीसीपी गोमती जोन प्रमोद कुमार और एडीसीपी आकाश पटेल ने मुआयना किया।
चित्रसेनपुर निवासी संजय तिवारी की छतेरी मानापुर गांव में एजेंसी है। रात में सुरक्षा के लिए प्रमोद तिवारी और सीताराम चौकीदारी करते हैं। दोनों चौकीदारों ने बताया कि रात करीब 1 बजे 12 से 14 बदमाश बाउंड्री फांदकर पहुंचे और मारपीट शुरू कर दी। दोनों को घायल कर दिया। गमछे से हाथ पीछे से बांध दिया। इसके बाद चाकू की नोक पर एक कमरे में ले गये। दो बदमाश उनकी निगरानी में थे। जबकि बाकी गोदाम से रसोई गैस सिलेंडर निकालने लगे। करीब तीन बजे बदमाश लूटपाट कर भाग निकले। जाते-जाते बदमाश प्रमोद तिवारी का मोबाइल फोन भी ले गये।
बदमाशों के जाने के बाद किसी तरह चौकीदारों ने हाथ छुड़ाया। इसके बाद शोर मचाने लगे। आसपास के लोग पहुंचे। दूसरे के मोबाइल से एजेंसी मालिक को करीब सवा 3 बजे सूचना दी। एक किमी की दूरी पर रहने वाले संजय तिवारी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
एजेंसी मालिक का आरोप है कि कछवांरोड चौकी प्रभारी ने डकैती के बजाय मनमर्जी तरीके से तहरीर लिखवाई और उसी के अनुसार चोरी का केस दर्ज कर लिया। उधर पुलिस का कहना है कि आरंभिक जांच में चोरी की बात सामने आई है। शुरू में चार बदमाश बता रहे थे, फिर 9, इसके बाद 12 से 14 बता रहे हैं। बदमाश किस वाहन से आये थे, किस वाहन पर गैस सिलेंडर ले जाया गया, यह भी पता नहीं है।
सपा अध्यक्ष का पोस्ट
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना को लेकर एक्स पर पोस्ट कर तंज कसा है। लिखा है- ‘देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 147 सिलेंडरों की गन पॉइंट पर लूट की खबर चौंकाने वाली है। भाजपा ने उप्र में कानून-व्यवस्था को लतीफा बनाकर छोड़ दिया। गंभीर रूप से निंदनीय!