यूपी में स्मार्ट सिटी योजनाओं के कामों को पूरा कराने का रास्ता साफ, शासन ने नगर निगमों को दिए ये निर्देश
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी योजनाओं के कामों को पूरा कराने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने नगर निगमों को निर्देश दिया है कि बचे हुए कामों के टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी करा ली जाए। शासन की मंशा है कि तय समय सीमा के अंदर काम पूरे करा लिए जाएं।
केंद्रीय स्मार्ट सिटी परियोजना के रुके कामों को पूरा कराने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने नगर निगमों को निर्देश दिया है कि बचे हुए कामों के टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी करा ली जाए, जिससे केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2025 तक मिली मोहलत के आधार पर बचे हुए कामों को पूरा कराया जा सके। शासन चाहता है कि तय समय सीमा के अंदर इस बार हर हाल में काम पूरे करा लिए जाएं, जिससे तय समय में पूरा पैसा खर्च हो जाए।
केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुना है। उत्तर प्रदेश के 10 शहर हैं। लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, अलीगढ़, झांसी, प्रयागराज, मुरादाबाद, सहारनपुर और बरेली को केंद्रीय स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुना गया है। सबसे पहले वर्ष 2017 में चार शहरों लखनऊ, कानपुर, आगरा व वाराणसी को चुना गया था। इन शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना में अधिकतर काम पूरे हो चुके हैं। अलीगढ़, प्रयागराज व झांसी में भी स्मार्ट सिटी परियोजना के कामों की प्रगति अच्छी है।
वर्ष 2018 में चुने गए शहरों मुरादाबाद, सहारनपुर व बरेली में अभी काम बचे हुए हैं। केंद्र सरकार ने सभी 10 शहरों के लिए 7742.00 करोड़ रुपये दिए थे। इसमें से 6718.71 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। नगर विकास विभाग ने निकायों को निर्देश दिए है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के बचे हुए कामों को अभियान चलाकर पूरा कराया जाए। जिन कामों के टेंडर होने शेष रह गए हैं उसे निकाल कर काम की शुरुआत कराई जाए, जिससे शहरी लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।