सुलतानपुर-मधुमेह की राजधानी बनता जा रहा भारत : चिकित्साविद
सुलतानपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में डब्ल्यूएचओ द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस वर्ष का विषय 'बाधाएं तोड़ें, अंतर को पाटें' था। भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से...
सुलतानपुर, संवाददाता। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के दूबेपुर स्थित प्रशासनिक भवन में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के इस वर्ष के विषय (बाधाएं तोड़ें, अंतर को पाटें) के साथ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में (भारत विश्व की मधुमेह राजधानी) के रूप में चिंताजनक स्थिति को उजागर किया गया। जहां 10 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। जिले में हर 10वां व्यक्ति आलस्य के कारण भी मधुमेह का शिकार होता जा रहा है। इसे रोकने को चिकित्साविदों ने चिंतन किया। कार्यक्रम में प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के लिए रैंडम ब्लड शुगर (आरबीएस) जांच की की गई। फार्माकोलॉजी विभाग के चिकित्साविद सहायक प्रो. डॉ. स्वाति राय, डॉ. सबहत हसन ने भारत में मधुमेह की बढ़ती दर पर प्रकाश डाला। रोग की रोकथाम व प्रबंधन के लिए संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली परिवर्तनों की आवश्यकता पर जोर दिया। मेडिसिन विभाग के सहायक प्रो. डॉ. पवन कुमार सिंह ने अनियंत्रित मधुमेह के गंभीर जटिलताओं के बारे में बताया। सहायक प्रो. डॉ. प्रतिभा, सीएमएस डॉ. सुधीर गोयल, सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. एके सिंह, डॉ. अंशुमान, डॉ. विक्रम सिंह और डॉ. अभिषेक कौशल सहित कई वरिष्ठ संकाय सदस्य आदि रहे।
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