सुलतानपुर-आस्था व विश्वास का केंद्र बना गोलहन भवानी मंदिर
बल्दीराय (सुलतानपुर)। हिन्दुस्तान संवाद बल्दीराय तहसील क्षेत्र के समरथपुर( जबरगंज )में स्थित मां...
बल्दीराय (सुलतानपुर)। हिन्दुस्तान संवाद
बल्दीराय तहसील क्षेत्र के समरथपुर( जबरगंज )में स्थित मां गोलहन भवानी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना है। सोमवार व शुक्रवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है । नवरात्र में यहां पूरे नौ दिन भक्तों से दरबार सजा रहता है। मान्यता है कि मुरादें पूरी होने के बाद लोग यहां पर गोला दाग कर कन्या भोज कराते हैं। गोलहन भवानी मंदिर कालिका नगर समरथपुर में स्थित है।
क्या है मान्यता : पौराणिक मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पहले राजा जबर के वंशज ने इस मंदिर की स्थापना की थी। करीब 130 साल पहले गांव के ही कल्याणी नाम के एक व्यक्ति ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर लखौरी ईंट से बना हुआ है। मनौती पूरी होने पर लोग यहां पर गोला दागने व कन्या भोज की परंपरा को पूरा करते हैं। माता के द्वार पर सजाया गया पंडाल झालर, झूमर, साउंड व घंटों की झंकार से गूंज उठती है। लोगों का मानना है कि मां के दरवाजे पर माथा टेकने से मनोकामना अवश्य पूरी होती है। माता की ख्याति के बारे में यहां के स्थानीय लोगों की मानें तो मंदिर पर गैर जनपद के दूर-दराज के लोग दर्शन करने आते हैं। महिलाएं धाम पर हलवा पूरी चढ़ाकर मंगल गीत गाकर मां को खुश करके स्वयं हर्षित होती हैं। मन्नतें पूरी होने के बाद लोग मां के दरबार में घंटा भी बांधते हैं और कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र दान दक्षिणा आदि उपहार भेंट करते हैं ।
मंदिर पर रहमान आज भी दगाते हैं गोला
मां काली के प्राचीन मंदिर पर जो भी भक्त मंदिर में दर्शन करने को जाता है बिना गोला दगाने से उसका दर्शन पूर्ण नहीं होता है। रहमान इस मंदिर पर कई वर्ष से गोला दगाने का काम करते हैं। मंदिर के भक्त राजेश तिवारी कहते हैं कि नवरात्र में देवी उपासना का बहुत लाभ मिलता है। आसपास गांव के नवविवाहित जोड़े वंश वृद्धि के लिए माता के दरबार में दर्शन पूजन करने आते हैं । नवविवाहित जोड़े मां के दरबार में बिना दर्शन के अपने घर नहीं जाते हैं। यह मान्यता कई वर्षों से चली आ रही है।
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