श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास, भरत के राजतिलक की मांग
लंभुआ, संवाददाता लंभुआ क्षेत्र के महादेवा गांव में शिवराम लीला समिति के संयोजक
लंभुआ, संवाददाता लंभुआ क्षेत्र के महादेवा गांव में शिवराम लीला समिति के संयोजक अशोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में आयोजित रामलीला के मंचन में पर्दा उठते ही कैकेयी और मंथरा के बीच संवाद चलता है। इसमें दासी मंथरा रानी के कैकेयी को पुत्र मोह के जाल में फंसा कर राजा से मिले वरदान को याद दिलाती है। मंथरा द्वारा की कैकेयी के कान भरे जाने से एवं पुत्र मोह में कैकेयी राजा दशरथ से भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास, भरत को राज तिलक की मांग करती हैं।
रघुकुल की रीति को निभाते हुए राजा दशरथ रानी कैकेयी को वरदान देते हैं। इसकी बात आज्ञा को मानते हुए भगवान श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण वन गमन के लिए निकल जाते हैं। लेकिन अंदर ही पीड़ा से दुखित महाराजा दशरथ की हृदय गति रुक जाती है। वशिष्ठ जी के बुलावे पर भरत शत्रुघ्न के अयोध्या पहुंचते हैं। कैकेयी के कक्ष में पहुंचकर भरत मां को प्रणाम करते हैं। पिता की कुशल क्षेम पूछते हैं, कैकेयी दशरथ की परलोक सुधारने की बात बताती हैं। मौके पर अभय नारायण द्विवेदी, नरेंद्र प्रसाद शुक्ला, श्याम लाल धुरिया, जयकेश त्रिपाठी, केदारनाथ द्विवेदी, आदर्श त्रिपाठी, प्रिंस द्विवेदी, अर्चित द्विवेदी, विजय रानू बच्चन, कपिल द्विवेदी आदि मौजूद थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।