सुलतानपुर-निजी हाथों में जाएगा रोडवेज वर्कशाप ,विरोध शुरू
सुलतानपुर के रोडवेज वर्कशाप का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में चिंता और विरोध बढ़ गया है। 2008 में स्थापित इस वर्कशाप में निगम की बसों की मरम्मत की जाती है। अब 19 वर्कशाप के निजीकरण की...
सुलतानपुर, संवाददाता। जिले के रोडवेज वर्कशाप का निजीकरण किया जायेगा। प्रदेश के 19 रोडवेज बस कार्यशाला के साथ जनपद के अमहट स्थित वर्कशाप का भी निजीकरण किया जा रहा है। इसकी भनक लगते ही तबादले के भय से कर्मियों में विरोध के शुरू उठने लगे हैं। परिवहन निगम की ओर से साल 2008 में शहर से सटे अमहट चौराहे पर करोड़ों रुपए की धनराशि से भूमि खरीद कर वर्कशाप स्थापित किया गया है। जिसमें निगम की बसों के मरम्मत व रखरखाव की जिम्मेदारी दी गइ्र्र है। परिवहन निगम के सुलतानपुर डिपो के बेड़े में कुल रोडवेज की अपनी 68 रोडवेज बसें हैं। इसके अलावा 60 अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। ऐसे में निगम की बसों की मरम्मत आदि का काम अमहट स्थित परिवहन निगम की कार्यशाला में होता है। जबकि अनुबंधित बसों के मरम्मत वाहन स्वामी खुद कराते हैं। बसों के मरम्मत का काम करने के लिए 14 नियमित और 34 मकैनिकल ट्रेड से आईटीआई कर चुके छात्रों को नियुक्त किया गया है। लेकिन अब अयोध्या के सुलतानपुर और देवीपाटन मंडल के श्रावस्ती समेत 19 वर्कशाप के निजीकरण की आहट से यहां नियुक्त कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गइ्र्र हैं।
आउट सोर्सिंग के जरिए नियुक्त राजेन्द्र पाल, शैलेश यादव, पवन सिंह, महेश कुमार, नीरज वर्मा, प्रदीप आदि कहते हैं अब उने सामने संकट खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अयोध्या मंडल प्रभारी आरटी भट्ट व प्रदेश महामंत्री डीके उपाध्याय ने कहा कि निगम फायदे में है, फिर भी निजीकरण किया जा रहा है।
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