गोसाईंगंज क्षेत्र में 52 सड़क हादसों में 32 ने दम तोड़ा
Sultanpur News - गोसाईगंज थाना क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में 32 सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा दर्जनों हादसे ऐसे हैं जो थाने के रिकॉर्ड में नहीं आए। बावजूद जागरूकता अभियानों के, सड़क दुर्घटनाओं...
पुलिस ने एक वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं का 52 मुकदमा दर्ज किया गोसाईंगंज थाना क्षेत्र में एक वर्ष के सड़क हादसों का लेखा-जोखा
गोसाईगंज,संवाददाता
गोसाईगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर एक वर्ष के भीतर हुई 32 सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोगों को दम तोड़ दिया। इसके अलावा दर्जनों दुर्घटनाएं ऐसी हैं जो थाने के रिकार्ड में दर्ज नहीं हो सकीं। सड़क हादसे में मामूली रूप से घायल लोगों ने आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लिया। वहीं कुछ मामले बाद में भी दर्ज हो सकते है।
केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से सड़क सुरक्षा को लेकर आए दिन जागरूकता अभियान चलाती रहती है। वहीं यातायात पुलिस के साथ नागरिक पुलिस भी सड़क सुरक्षा को लेकर चेकिंग करने के साथ चालान काटने का कार्य करती है। इस सबके बावजूद सड़क दुर्घटना में कमी नही आ रही है। वर्ष 2024 में गोसाईगंज थानाक्षेत्र में सड़क हादसे को लेकर कुल 52 मुकदमा पंजीकृत हुए । इन दुर्घटनाओं में 32 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2024 में गोसाईगंज थानाक्षेत्र में सबसे दर्दनाक सड़क हादसा नौ जुलाई को हुआ था। इसमे दो भाइयों की जान चली गई थी। लखनऊ बलिया राजमार्ग पर इटकौली पेट्रोल पंप के पास कादीपुर की तरफ जा रही तेज रफ्तार अनियंत्रित गैस सिलेंडर लोडेड ट्रक बाइक को रौंदते हुए पलट गई थी। इसमें सगे भाई प्रिंस और रीवांश की घटनास्थल पर मौत हो गई थी। इस सड़क हादसे में दंपति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तीस सड़क दुर्घटना में एक-एक व्यक्ति को अपनी जान गवानी पड़ी। 21 सड़क हादसे में किसी की जान नहीं गई।
28 जून को कटका मायंग रोड पर महिलौ आशापुर गांव से पांच सौ मीटर पहले हुए सड़क हादसे ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी थी। यह सड़क हादसा प्रदेश स्तर की खबर बनी थी। धनपतगंज थानाक्षेत्र मायंग गांव निवासी राम देव निषाद ने सपा नेता पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू व पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू और उनके सहयोगियों के ऊपर साजिशन सड़क हादसे में जगदेव निषाद की हत्या करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने विवेचना की थी। थानाध्यक्ष की विवेचना में हत्या करवाने का मामला फर्जी पाया गया था। इसके बाद थानाध्यक्ष ने फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए मामले को विधिक राय के लिए भेजी थी। इसको लेकर जिले में खूब राजनीति हुई थी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता ने एक दूसरे के ऊपर खूब आरोप लगाया था। फिलहाल यह मामला अब शांत हो गया है।
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