सुलतानपुर-भक्त की कथा सुनने को खुद भगवान भी लालायित रहते हैं: चित्रलेखा
सुलतानपुर में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के अंतिम दिन, कथावाचक देवी चित्रलेखा ने भक्तों और भगवान की महिमा का बखान किया। उन्होंने श्री कृष्ण के मथुरा और द्वारिका की लीलाओं का वर्णन किया और भक्त की...
सुलतानपुर। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के अंतिम दिन कथावाचक देवी चित्रलेखा ने भक्त और भगवान की महिमा का बखान करते हुए कहा कि भक्त की कथा को सुनने के लिए खुद भगवान भी लालायित रहते हैं। भगवान अपने भक्त की कथा सुनने के लिए कथा स्थल पर उपस्थित रहते हैं। कहा, श्रीमद भागवत कथा में भक्तों की कथा सुनाई जाती है। चित्रलेखा ने कथा के सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण के मथुरा की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। वहीं द्वारिका की लीलाओं में रुकमिनी,जामवंती सत्यभामा,यमुना, कालिंदी समेत श्रीकृष्ण के सोलह हजार रानियों के विवाह कथा का वर्णन किया। श्रीकृष्ण और जामवंत के युद्ध व राम स्वरूप के दर्शन की कथा का श्रोताओं को रसपान कराया। सुदामा श्री कृष्ण मिलन की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि ब्राह्मण अभाव के बावजूद सम्मान का पात्र होता होता है। कारण,उसकी प्रभु की भक्ति निस्वार्थ होती है। भक्त और भगवान में सौदा या व्यापार नहीं बल्कि समर्पण होता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता काशी प्रांत के पूर्व महामंत्री पंडित रामचंद्र मिश्रा के संयोजन में कुड़वार ब्लॉक के पूरे लेदई गांव में कथा का आयोजन किया गया।
कथा के अंतिम दिन प्रदेश सरकार के मंत्री सतीश शर्मा, पूर्व मंत्री व विधायक विनोद सिंह, राज प्रसाद उपाध्याय राज बाबू,सीताराम वर्मा, दिनेश प्रताप सिंह, विजय त्रिपाठी, श्याम बहादुर पांडेय, दिनेश दूबे, विजय पांडेय, सुशील पांडेय, राजेश पांडेय ने व्यास पीठ का नमन करते हुए आशीर्वाद लिया। देवी चित्रलेखा ने सभी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। आयोजन में राममूर्ति मिश्रा,राम अवध मिश्रा, राम अचल मिश्रा, राम धीरज, रजनीश, शुभम, सुजीत, अमित, प्रदीप शुक्ला, तुंगनाथ तिवारी, सुभाष तिवारी, महावीर श्रीवास्तव, शशिकांत तिवारी, मनोज तिवारी, अनिल मिश्रा शामिल हुए।
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