श्रीकृष्ण ने तोड़ा इन्द्रदेवता का अभिमान : काशी नरेशाचार्य
सुलतानपुर, संवाददाता भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र देवता का अहंकार तोड़ा और ब्रजवासियों को उनके
सुलतानपुर, संवाददाता भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र देवता का अहंकार तोड़ा और ब्रजवासियों को उनके क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर उनकी रक्षा की। यह घटना भगवान की महिमा और भक्तों के प्रति उनकी अनन्य सेवा भावना को दर्शाती है। निरालानगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भागवताचार्य स्वामी काशी नरेशानाचार्य महाराज ने यह बातें कही।
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न लीला प्रसंगों का वर्णन करते हुए भक्तों को भाव-विभोर किया। विशेष रूप से कालिया दमन, वकासुर वध, वत्सासुर वध और गोवर्धन धारण की घटनाओं ने भक्तों को श्री कृष्ण के दिव्य स्वरूप की महिमा का अनुभव कराया। कथा के दौरान निराला नगर के प्रबुद्ध समाज के सदस्य, जैसे दिनेश पाण्डेय, जगत, सुधीर तिवारी, सत्य प्रकाश मि पाठ, करुणा शंकर सिंह, अजीत पाण्डेय, राजेश द्विवेदी, सुरेन्द्र तिवारी और राज कुमार सिंह ने महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन के अंत में सभासद शशी तिवारी व शिवकुमार तिवारी ने व्यास पीठ की आरती उतारी। आयोजक सुधीर तिवारी ने सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया। साथ ही प्रसाद वितरण किया गया। सुधीर तिवारी ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक है, बल्कि समाज में भक्ति, सेवा और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने का एक सुंदर अवसर भी था।
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