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सुलतानपुर: चौरासी बाबा केस में 24 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई

बेलहरी गांव में स्थित दत्तात्रेय चौरासी आश्रम से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हैबेलहरी गांव में स्थित दत्तात्रेय चौरासी आश्रम से लाखों श्रद्धालुओं

Newswrap हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरThu, 3 Oct 2024 05:09 PM
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बेलहरी गांव में स्थित दत्तात्रेय चौरासी आश्रम से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है पिछले करीब एक वर्ष से आश्रम से जुड़े ट्रस्ट को लेकर विवाद गहराता चला आ रहा है

गोसाईगंज,संवाददाता

जयसिंहपुर क्षेत्र स्थित चर्चित चौरासी बाबा ट्रस्ट का विवाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच तक पहुंच गया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिलाधिकारी को कहा है कि चौरासी बाबा से निजी तौर पर बात करें। वहीं, कोर्ट ने उप जिलाधिकारी को आश्रम से जुड़े खातों और संपत्तियों की जांच करने का निर्देश दिया है। इससे पहले एसडीएम ने चौरासी बाबा प्रकरण को लेकर सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अब मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को कोर्ट करेगा।

जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र के बेलहरी गांव में स्थित दत्तात्रेय चौरासी आश्रम से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। पिछले करीब एक वर्ष से आश्रम से जुड़े ट्रस्ट को लेकर विवाद चला आ रहा है। इस दौरान कई बार ट्रस्ट में फेरबदल किया गया। बार-बार फेरबदल करने से विवाद बढ़ता चला गया। अंतिम बार सात अगस्त को ट्रस्ट का गठन किया गया था। उसके बाद यह केस फिर विवाद में आ गया। इसी मामले को लेकर बेलहरी निवासी सत्येंद्र प्रताप गुप्ता और दो अन्य ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के सामने जनहित याचिका दाखिल की। कोर्ट के निर्देश पर एसडीएम जयसिंहपुर सन्तोष ओझा ने 26 सितंबर को आश्रम का दौरा कर 28 सितंबर को जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की। तीस सितंबर को कोर्ट ने एसडीएम को आश्रम से जुड़े खातों और संपत्तियों की जांच कर रिपोर्ट और सूची हलफनामे के साथ 24 अक्टूबर को पेश करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वह आश्रम का दौरा करने के साथ संत से निजी तौर पर बातचीत करें। यह पता लगाने की कोशिश करें कि नया ट्रस्ट उनकी इच्छा के अनुसार बनाया गया है या नहीं। कोर्ट ने अगली तारीख पर सीलबंद लिफाफे में संबंधित रिपोर्ट प्रेषित करने की उम्मीद की है। कोर्ट ने नवगठित ट्रस्ट के सदस्यों को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। उनको बताना होगा कि क्या ट्रस्ट डीड के अनुसार ट्रस्ट की कोई अचल संपत्ति बेची जा सकती है,लीज पर जा सकती है या किसी भी तरह से उसे पर कोई तीसरा पक्ष अधिकार बनाया जा सकता है। इस केस को लेकर कोर्ट किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना को खारिज करना चाहता है। एसडीएम सन्तोष ओझा ने बताया कोर्ट के निर्देश पर पूर्व में रिपोर्ट प्रेषित की गई है। कोर्ट के आदेश का आगे भी अनुपालन किया जाएगा।

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