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शिक्षकों के तबादले में ऐसे भी बन रहीं जोड़ियां, 'कुंडली' मिलान के बाद लेन-देन की बात

  • गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, देवरिया, महाराजगंज और आसपास के जिलों में एक सीट पर 10 से अधिक दावेदार सामने आ रहे हैं। सीट पर वर्तमान में तैनात शिक्षक दावेदारों के साथ अपनी कुंडली मिलाकर उनके ऑफर का मूल्यांकन भी कर रहे हैं। कुछ इसी आधार पर अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, रूद्र प्रताप सिंह, गोरखपुरSat, 11 Jan 2025 07:41 AM
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Teachers Transfer: उत्तर प्रदेश में शिक्षक पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया अब पारंपरिक दायरों से बाहर निकलकर कुछ अलग राह पर भी चल पड़ी है। यहां कुछ जोड़ियों को बनाने की प्रकिया में नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कुछ शिक्षकों के अंत: जनपदीय स्थानांतरण में आपसी सहमति और समान योग्यता और पद के (कुंडली) मिलान के बाद यह प्रक्रिया अब ‘दहेज’ जैसे लेन-देन का रूप ले चुकी है, जिसमें रुपये, कार-मोटरसाइकिल और अन्य सुविधाएं ऑफर की जा रही हैं।

गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, देवरिया, महाराजगंज और आसपास के जिलों में एक सीट पर 10 से अधिक दावेदार सामने आ रहे हैं। सीट पर वर्तमान शिक्षक दावेदारों के साथ अपनी कुंडली मिलाकर उनके ऑफर का मूल्यांकन कर रहे हैं। जो सबसे अधिक धनराशि या वस्तु देता है, उसे प्राथमिकता दी जाती है। एक शिक्षक ने शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर खुलेआम कहा कि मैं स्प्लेंडर बाइक और नकद देने के लिए तैयार हूं। इस तरह की बातचीत शिक्षक समूहों में आम हो चुकी है। पहले शिक्षकों का स्थानांतरण अधिकारियों द्वारा किया जाता था। इस प्रक्रिया में अधिकारियों पर घूस लेने के आरोप लगते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। शिक्षक ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल होकर पैसा वसूल रहे हैं।

बीएसए ऑफिस में पहुंचा एक मामला

हाल ही में कैंपियरगंज और सिद्धार्थनगर के शिक्षकों के बीच हुआ एक मामला बीएसए कार्यालय तक पहुंचा। कैंपियरगंज के एक शिक्षक ने आरोप लगाया कि उससे सिद्धार्थनगर के शिक्षक द्वारा स्थानांतरण के लिए रुपये लिए गए, लेकिन यह सौदा रद्द कर दूसरे शिक्षक से अधिक रकम लेकर दूसरे को सीट के लिए ऑफर दे दिया।

स्थानांतरण की प्रक्रिया

स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए जनपद स्तर पर एक समिति गठित की गई है। शिक्षकों को स्वेच्छा से स्थानांतरण के लिए आवेदन करना होगा। प्राथमिकता केवल समान योग्यता और पद की समानता पर दी जाएगी। किसी भी विवाद की स्थिति में निर्णय महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) द्वारा लिया जाएगा।

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