Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Student sacrifice No trust police action bulldozer run on houses accused father demands SIT investigation

छात्र की बलि: पुलिस कार्रवाई पर भरोसा नहीं, आरोपियों के घर चले बुलडोजर, पिता ने उठाई SIT जांच की मांग

  • हाथरस के स्कूल में छात्र की बलि मामले में पुलिस ने भले ही आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया हो लेकिन, घटना को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। बच्चे की जिस तरह से हत्या की गई उसको लेकर लोगों के चेहरे पर पीड़ा साफ झलक रही है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, हाथरस, हिन्दुस्तान टाइम्सSat, 28 Sep 2024 05:17 PM
share Share

यूपी के हाथरस में अपने आवासीय स्कूल की तरक्की के लिए प्रबंधक और उसके तांत्रिक पिता द्वारा एक बच्चे के साथ की गई क्रूर हरकत को लोग अभी भूल नहीं पाए हैं। पुलिस ने भले ही आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया हो लेकिन, घटना को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। बच्चे की जिस तरह से हत्या की गई उसको लेकर लोगों के चेहरे पर पीड़ा साफ झलक रही है। बेटे की पढ़ाई और उसके बेहतर भविष्य को पिता कृष्ण कुशवाहा से हिन्दुस्तान टाइम्स ने बात की तो वह रुंधे गले हो आए। उन्होंने बताया कि बेटे को लेकर जो उन्होंने जो सपने देखे थे वह सभी चकनाचूर हो चुके हैं। 

उन्होंने बताया कि वह नोएडा में एक निजी फर्म में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने अपने बेटे को इस उम्मीद में 5वीं कक्षा तक इस स्कूल में रखा था कि उसे अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसके बाद, वह उसे शहर के किसी बेहतर स्कूल में एडमिशन दिलाने की सोच रहे थे। उन्होंने कहा, वह एक दशक से भी ज्यादा समय से सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे हैं। कोविड काल के दौरान, उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी और बच्चों को हाथरस में अपने पैतृक गांव वापस भेज दिया था। उसके बाद उनके बेटे को उक्त स्कूल में लोअर केजी में दाखिला मिल गया था। पहले साल वह डे स्कॉलर था, लेकिन यूकेजी से उसे हॉस्टल में रहना पड़ा।

इस सवाल पर कि उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को खुद से दूर क्यों रखा, उन्होंने कहा कि उन्हें गांव में ही रहना बेहतर और आर्थिक रूप से अधिक उपयुक्त लगा। वह हर सप्ताह नोएडा से आते थे। अपने बेटे की जान जाने के बाद, कुशवाह ने मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने और आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने, दोषियों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग की। उन्होंने कहा हम मामले के निपटारे से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि हमारा मानना ​​है कि इसमें अन्य लोग भी शामिल थे। उचित जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाया जाना चाहिए। मेरे इकलौते बेटे पर इतनी बेरहमी से हमला किया गया कि उसकी कॉलर बोन टूट गई। स्कूल अधिकारियों का कहना है कि घटना के दिन सीसीटीवी कैमरा काम नहीं कर रहा था और हमें कोई फुटेज नहीं दी जा रही है। लड़के के पिता कृष्ण कुशवाहा ने कहा, ऐसे स्कूलों के खिलाफ बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जानी चाहिए और जिम्मेदार स्कूल अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।

बेटे को बुखार का स्कूल से आया था फोन

बेटे के साथ घटी घटना को याद करते हुए, कुशवाहा ने कहा कि वह 23 सितंबर को ड्यूटी पर जाने के लिए हाथरस के सहपऊ क्षेत्र में अपने गांव (तुरसेन) से निकलने वाले थे, तभी उन्हें स्कूल प्रबंधक दिनेश लाल बघेल का फोन आया कि उनके बेटे को बुखार है। उन्होंने बताया कि स्कूल मेरे गांव से छह किलोमीटर दूर स्थित था। मैंने उनसे कहा कि वे मेरे बेटे को घर छोड़ दें ताकि मैं उसका इलाज करा सकूं। इस पर स्कूल प्रबंधक की ओर से कहा गया कि वह खुद ही लड़के का इलाज करा देंगे। बाद में उन्होंने कहा कि लड़के की हालत बिगड़ रही है और इसलिए उसे आगरा ले जाया जा रहा है। इसके बाद हमने स्कूल प्रबंधक का बेसब्री से पीछा किया, जिन्हें सादाबाद में रोक लिया गया, और वहां मेरे बेटे का शव उसके स्कूल बैग के साथ पड़ा था। पिता ने कोई बीमार छात्र के लिए स्कूल बैग क्यों ले जाएगा?

स्कूल प्रबंधन के तंत्रमंत्र में लिप्त होने की नहीं थी जानकारी

छात्र के पिता ने कहा, उन्हें स्कूल प्रबंधन द्वारा तंत्र-मंत्र में लिप्त होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने इस साल अपने बेटे से छोटी बेटी का भी स्कूल में दाखिला कराया था। उन्होंने बताया कि वह छात्रावास में नहीं रहती थी, बल्कि कुछ अन्य लड़कियों के साथ टैक्सी में अपने तुरसेन गांव के घर से रसगवान गांव के स्कूल जाती थी। उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों के लिए पिता एक लाख रुपये सालाना फीस भर रहे थे। हाथरस में शिक्षा विभाग के आदेश के बाद संबंधित स्कूल, डीएल पब्लिक स्कूल को बंद कर दिया गया है। शिक्षा विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि पांचवीं कक्षा तक कक्षाएं चलाने की अनुमति वाला स्कूल छात्रावास के साथ कक्षा 8 तक कैसे संचालित हो रहा था। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि छात्रावास में 35 छात्र थे और घटना के दिन वहां 24 छात्र थे। दो मंजिला स्कूल भवन में करीब 20 कमरे थे, जहां करीब 700 से 800 छात्र पढ़ते थे।

पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की

हाथरस पुलिस ने डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ संस्थान चलाने के लिए निर्धारित नियमों और शर्तों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्कूल के पास गांव में छात्रावास चलाने की अनुमति नहीं थी। हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने शुक्रवार शाम को कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके आधार पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। अब बंद हो चुके स्कूल के पास छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओं की मंजूरी नहीं थी। स्कूल संबद्धता की विभिन्न शर्तों का उल्लंघन करता पाया गया है। मामला दर्ज होने के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया, लड़का हाथरस के सहपऊ थाना क्षेत्र के रसगवां गांव में डीएल पब्लिक स्कूल के छात्रावास में रहता था। वह स्कूल से छह किलोमीटर दूर तुरसेन गांव का रहने वाला था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें